दो केंद्रीय मंत्री, एक राज्य मंत्री और कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल के नेतृत्व में गत मंगलवार को नई दिल्ली स्थित पीआईबी मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेले के संबंध में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। एनसीडीसी के एमडी सुदीप नायक ने अतिथियों का स्वागत किया।
एनसीडीसी 11 से 13 अक्टूबर 2019 तक नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेले (आईआईसीटीएफ) का आयोजन करने जा रही है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने मीडिया के हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया। इस मौके पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भी मंच पर मौजूद थे।
दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने दर्शकों को यह स्पष्ट कराया कि यह व्यापार मेला मोदी सरकार के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने संबंधी योजना के कई चरणों की श्रृंखला में पहला होगा। निर्यात को वर्तमान 3.5 लाख करोड़ से अगले 4-5 वर्षों में 7 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने की योजना बनाई गई है।
पीयूष गोयल ने बताया कि मुद्दे की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लक्ष्य हासिल करने के लिए पिछले पखवाड़े में दोनों मंत्रालयों के बीच तीन गहन बैठकें हुई हैं जिसमें कृषि उत्पादों के मूल्य को बढ़ाने और उन्हें वैश्विक मानकों पर खरा उतरने के संबंध में गंभीर चर्चा हुई।
गोयल ने कहा कि सहकारी व्यापार मेला इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहुत उपयोगी होगा क्योंकि यह मेला बहुत कुछ सीखने का मौका प्रदान करेगा। उन्होंने इस सक्रिय कदम के लिए कृषि मंत्रालय और एनसीडीसी के अधिकारियों की सराहना की। कपड़ा और कृषि उत्पादों के बीच एक समानता बनाते हुए गोयल ने मोदी के विजन ”फार्म टू फैब्रिक टू फैशन” के संदर्भ में बात की। उन्होंने रेखांकित किया कि हमें भए कृषि क्षेत्र में भी कुछ ऐसा ही करना है।
गोयल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यदि एक बार मजबूत क्रम बन जाता है तो व्यापार ऊंचाइयों तक पहुँच सकता है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय किसानों ने अतीत में खाद्य के मामले में देश को आत्मनिर्भर बना दिया है और अब वाणिज्य और कृषि मंत्रालयों के एक साथ आने पर वे दुनिया की आबादी के लिए ऐसा करेंगे।
पीयूष गोयल ने “कोऑपरेटिव2कोऑपरेटिव” ट्रेड को बढ़ावा देने के लिए कोऑपरेटिव सेक्टर एक्सपोर्ट प्रमोशन फोरम बनाने की बात भी कही।
इस अवसर पर मौजूद कई सहकारी नेताओं ने ध्यानपूर्वक उनकी बात सुनी। सहकारी नेताओं में दिलीप संघानी, एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन सत्यनारायण , फिशकॉफेड के एमडी बी के मिश्रा, इफको के विपणन निदेशक योगेंद्र कुमार, तरुण भार्गव और हर्षेंद्र वर्धन भी शा
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सहकारिता और कृषि पर्यायवाची शब्द हैं। यदि कृषि भारतीय गांवों की रीढ़ है, तो सहकारी उनकी आत्मा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता की भावना सहकार संरचना से अधिक मायने रखती है, क्योंकि सहकार की भावना गायब होने पर सर्वश्रेष्ठ अधिनियम भी प्रभावहीन हो जाते हैं। आज भी सहकार भावना गांवों में दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में देखी जाती है, तोमर ने रेखांकित किया।
तोमर ने इस बात पर भी जोर दिया कि सबसे छोटे सहकारी समितियों को भी आगामी वैश्विक व्यापार मेले में जगह मिलनी चाहिए ताकि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के संपर्क में आ सकें। उन्होंने आईआईसीटीएफ टीम की सराहना की और कहा कि एक अनूठा तालमेल दिखाई पड़ रहा है क्योंकि विभिन्न विभाग इसे सफल बनाने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर व्यापार की संभावना वाले क्षेत्रों को दर्शाती दो मिनट की एक फिल्म भी दिखाई। मंत्रियों ने मेले के लोगो और ब्रोशर का भी जारी किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल और एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक सुदीप नायक ने मंत्रियों को सहकारी कारीगरों द्वारा बनाई गई शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट की। उल्लेखनीय है कि मेले का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय संगठन निडाक, तीन मंत्रालयों, चार राज्य सरकारों और कई शीर्ष स्तर की सहकारी संस्थानों के सहयोग से किया जा रहा है।