जैसा की भारतीय सहकारिता ने पहले अनुमान लगाया था कि श्रम सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था नेशनल लेबर कोऑपरेटिव फेडरेशन (एनएलसीएफ) के चुनाव में कुशालकर पैनल विजयी के रूप में उभरेगा ठीक वैसा ही हुआ है। हाल ही में संपन्न चुनाव में इनके पैनल ने जबरदस्त जीत हासिल की। अविली मिगितो अओमी अध्यक्ष चुनी गई वहीं नरेंद्र सिंह राणा और अमित बजाज को उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया।
दिलचस्प बात यह है कि कुछ लोगों का मानना है कि अओमी, कुशालकर की दूसरी पत्नी है और वह नागालैंड की एक फॉरेस्ट श्रम सहकारी संस्था से जुड़ी हुई है। वहीं कुशालकर के कुछ विरोधियों ने इसे कुशालकर की सोची समझी चाल करार दिया है और बताया कि जैसा लालू ने कानूनी पेंच में फसने के बाद अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था ठीक वैसा ही कुशालकर ने इस चुनाव में किया है।
इस संवाददाता से बात करते हुए कई विपक्षी नेताओं ने महसूस किया कि कुशालकर द्वारा शीर्ष निकाय के अध्यक्ष के रूप में अपनी पत्नी को निर्वाचित करना सहकारी आंदोलन के लिए अच्छा नहीं है। उन्हें इस बात को लेकर संदेह है कि आओमी स्वतंत्र रूप से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकेंगी।
चुनाव नई दिल्ली के सरिता विहार में स्थित श्रम सहकारी संस्था के मुख्यालय में हुआ। मतदान के दिन मौजूद उनके विरोधियों ने ये भी आरोप लगाया कि मतदाताओं को लुभाने के लिए कुशालकर पैनल ने पानी की तरह पैसा बहाया है।
नव निर्वाचित उपाध्यक्ष अमित बजाज और नरेंद्र सिंह राणा पंजाब और हरियाणा से हैं। दोनों लेबर कॉन्ट्रैक्ट कांस्टीट्यूएंसी से हैं।
शीर्ष निकाय के इतिहास में पहली बार यूरालुंगल लेबर कॉन्ट्रैक्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी (यूएलसीसीएस) का कोई प्रतिनिधि नेशनल लेबर कोऑपरेटिव फेडरेशन में अपनी जगह बना पाया है। ‘यूएलसीसीएस’ के किशोर कुमार को 121 वोट मिले। इस संवाददाता से बात करते हुए कुमार ने कहा, “मैंने तीन साल की अवधि में एनएलसीएफ को पुनर्जीवित करने के लिए रोड मैप तैयार किया है और हमने अपने प्रस्ताव को बोर्ड को सौंपा है”।
इस चुनाव में 90 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया। श्रम अनुबंध चुनाव क्षेत्र के 142 और ‘वन श्रमिक चुनाव क्षेत्र के 51 प्रतिनिधियों ने वोट डाले। दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से केवल 12 वोट अवैध पाए गए।
इस चुनाव में वीवीपी नायर का पैनल बुरी तरह हारा। नेफेड के सरकारी उम्मीदवार अशोक ठाकुर और दिव्या नायर को एक भी वोट नहीं मिला। वीवीपी नायर को मात्र 9 वोट मिले और उनके पैनल के उम्मीदवारों गुरमीत सिंह और हरिंदर कुमार को 5 और 8 वोट ही मिल सके।
ध्यान देने की बात है कि अओमी को 48 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी दिव्या नायर को एक भी वोट नहीं मिला। अमित बजाज और नरेंद्र सिंह राणा को 120 और 119 वोट मिले।
इसी बीच, एनएलसीएफ के पूर्व-अध्यक्ष और पूर्व-विधायक एवं सहकारी क्षेत्र में एक परिचित चेहरे जगजीत सिंह सांगवान को मात्र 4 वोट मिले।
विपक्षी पैनल के उम्मीदवारों में से एक ने आरोप लगाया कि बोर्ड में महिलाओं के लिए आरक्षण की पेशकश कुशालकर टीम की चाल थी। बहु-राज्य सहकारी अधिनियम में प्रतिबंध के प्रावधान के कारण संजीव कुशालकर स्वयं पुनः चुनाव नहीं लड़ सकते थे। अतः उन्होंने बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर महिलाओं के लिए सीट आरक्षित की ताकि वे अपनी दूसरी पत्नी को शीर्ष निकाय की अध्यक्ष बना सके।”
परिणाम की घोषणा के तुरंत बाद, प्रतीक्षारत समर्थकों ने विजेताओं को माला पहनाई। कृषि मंत्रालय के सेवानिवृत्त मुख्य निदेशक, सुखदेव इंदोरिया को रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया गया था।
बोर्ड के सदस्यों की सूची इस प्रकार है:
- अवीली मिगितो अओमी (अध्यक्ष)
- अमित बजाज (उपाध्यक्ष)
- नरेंद्र सिंह राणा (उपाध्यक्ष)
- संजीव कुशालकर (निर्देशक)
- वासुदेवराव टेकाम (निदेशक)
- अशोक डब्बास (निदेशक)
- रमेश रामहुत (निर्देशक)
- डी. राजा लिक्ष्मी (महिला निदेशक)
- किशोर कुमार (निर्देशक)
- मनसुखलाल गोहेल (निर्देशक)
- रमाशंकर शुक्ला (निदेशक)
- सुनीता विलास माली (महिला निदेशक)
- अविनाश गोतर्ने (निर्देशक)
- लोलिया सुसान (महिला निर्देशक)
- अर्जुनराव बोरुडे (निर्देशक)