दिल्ली स्थित सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई मु्ख्यालय में आयोजित “कॉपरेटिव ऐज ऐ पार्टनर इन स्किल डेवलपमेंट फॉर एम्प्लॉयमेंट जनरेशन” पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के एमडी मनीष कुमार ने कहा कि उनका संगठन भारत सरकार की विभिन्न कौशल विकास योजनाओं में सहकारी समितियों के साथ मिलकर काम करना चाहता है। सहकारी समितियों को प्रभावी भागीदारों के रूप में देखा जा सकता है, उन्होंने रेखांकित किया।
कार्यशाला में राष्ट्रीय कौशल विकास संगठनों के शीर्ष प्रतिनिधियों जैसे एनएसडीए, एनआईईएसबीयूडी, एएससीआई, और सहकारी संगठनों जैसे इफको, नेफेड, आईएफ़एफ़डीसी, आदि के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
मनीष कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्तर पूर्व में महिलाओं के “स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को कौशल प्रदान करने के माध्यम से विद्रोह की समस्या से निपटा गया। उन्होंने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रमों का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचना है, जिसके लिए सहकारिता सबसे अच्छा माध्यम है।
इस अवसर पर “राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम” के एमडी के. नारायण ने कहा कि एनबीसीएफ़डीसी सहकारी संगठनों में काम करने वाले एससी/एसटी श्रेणियों के लोगों के लिए कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर सकता है।
अपने भाषण में राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी की महानिदेशक- डॉ. वंदना अग्रवाल ने कहा कि सहकारी समितियों का रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने आगे कहा कि सहकारिता उनके समुदाय-आधारित अभिविन्यास और विशाल नेटवर्क के कारण कौशल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि सहकारिता कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए वकालत एजेंटों के रूप में कार्य करने में मदद कर सकती है।
एनआईईएसबीयूडी की निदेशक डॉ. पूनम सिन्हा ने कहा कि एनआईईएसबीयूडी के उद्यमिता विकास कार्यक्रम में सहकारी समितियों के पास कई अवसर हैं। उन्होंने बताया कि एनआईईएसबीयूडी और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस महिला उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के विकास में लगे हुए हैं।
उरलंगुल श्रम अनुबंध सहकारी सोसायटी के समूह सीईओ श्री रवींद्रम कस्तूरी ने सोसायटी के कौशल विकास पहल पर जोर देते हुए कहा कि पुनः प्रशिक्षण समान रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवा सहकारी समितियों को जोड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सहकारी समितियों के माध्यम से युवा विभिन्न व्यवसायों में कुशल हो सकता है।
आईएफ़एफ़डीसी के प्रबंध निदेशक एसपी सिंह ने देश में प्राथमिक वन विकास सहकारी समितियों को विभिन्न कौशल में प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम का समर्थन मांगा।
कार्यशाला को संबोधित करने वाले कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों में राज कुमार, प्रबंधक, भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई); रघुनाथ कश्यप , अध्यक्ष, हरकोफेड; और संजय सिंह, ओएसडी, मप्र राज्य सहकारी संघ समेत अन्य लोग शामिल थे। नेफेड के एडिशनल एमडी एस के सिंह भी कार्यशाला में उपस्थित थे।
इससे पहले इस अवसर पर अपने उद्बोधन में एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी एन. सत्यानारायन ने कौशल विकास में प्रभावी भागीदार के रूप में काम करने के लिए सहकारी समितियों की आवश्यकता को रेखांकित किया था। उन्होंने एनसीयूआई में चलाए जा रहे कौशल विकास कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का समन्वयन एनसीयूआई के उप निदेशक संजय वर्मा द्वारा किया गया ।