एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड डेयरी सहकारी संघ (यूएसडीएफ) की अध्यक्ष रेखा देवी ने मानदंडों के विरुद्ध फेडरेशन का चुनाव लड़ा और स्टेट रजिस्ट्रार ने इस मामले में देवी से जवाब मांगा है। इससे सहकारी राजनीति गरमा गई है।
हालांकि, इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए देवी ने साहसपूर्वक लहजे में कहा, “मैंने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है और यह केवल शीर्ष पद पर बैठे भाजपा के कुछ नेताओं की सोची समझी साजिश है। लेकिन मैं चुप नहीं बैठूंगी और डटकर सामना करूंगी।”
इस संवाददाता से बात करते हुए, देवी ने उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष दान सिंह रावत सहित पूर्व यूएसडीएफ़ अध्यक्ष राजवीर सिंह और नैनीताल सहकारी दुग्ध संघ से मुकेश भोरा के नामों का खुलासा किया और कहा कि यह सब मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
यह जानना दिलचस्प है कि रेखा देवी भी भाजपा से हैं और पार्टी से जुड़े नेताओं की वजह से ही अतीत में शीर्ष पद हासिल करने में सफल हुई थी। नाम न छापने की शर्त पर एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि वह किसी को भाव नहीं देती हैं, इसलिए लोग उन्हें हटाने में लगे हैं।
रेखा देवी ने बताया, “पहले, ये तीनों नेता चाहते थे कि मैं इस्तीफा दे दूं लेकिन मैंने इससे साफ इनकार किया तो उन्होंने मेरे खिलाफ जांच शुरू करा दी”। मामला जिला स्तर की सोसायटियों में दूध की खरीद से जुड़ा है।
देवी ने बताया, ”यूएसडीएफ का चुनाव पिछले साल दिसंबर में हुआ था। संबंधित अधिनियम के अनुसार, जिस व्यक्ति ने 180 दिनों के भीतर जिला डेयरी महासंघ को 300 लीटर दूध दिया है वही दुग्ध सहकारी समिति का चुनाव लड़ सकता है।”
“इसलिए मैंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। दरअसल, इन राजनेताओं के दबाव में रजिस्ट्रार मुझे दोषी साबित करने की कोशिश कर रहे हैं”, उन्होंने कहा।
“पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा देश की महिलाओं को मजबूत बनाने की बात करते हैं लेकिन ये नेता झूठे आरोप लगाकर महिलाओं को दबाने की कोशिश कर रहे हैं”, देवी ने रेखांकित किया।
“अगर मैंने मानदंडों का उल्लंघन किया है तो उन्होंने 45 दिनों के भीतर जांच क्यों नहीं कराई। मेरी संस्था जिसका मैं प्रतिनिधित्व करती हूं उसका चुनाव 2016 में हुआ था”, उन्होंने बताया।
दूसरी ओर, भाजपा नेताओं का आरोप है कि कुछ समय पहले रजिस्ट्रार को देवी के खिलाफ शिकायत मिली थीं और जांच में उन्होंने देवी को दोषी पाया। बता दें कि यूएसडीएफ़ आंचल ब्रांड के नाम से दूध बेचता है।