इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र सहकारी विकास निगम (एमसीडीसी) अब राज्य में किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) की स्थापना करने में नाबार्ड के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा। एमसीडीसी को वर्ष 2000 में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत 100 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी के साथ स्थापित किया गया था। इसका मुख्यालय पुणे में है।
एमसीडीसी के एमडी मिलिंद अकारे का कहना है कि राज्य में लगभग 10,000 किसान उत्पादक कंपनियां स्थापित की जाएंगी।
श्री अकारे ने कहा कि नाबार्ड और केंद्रीय सरकार पहले से ही इस तरह की इकाइयाँ स्थापित करने पर काम कर रही है और वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इस तरह के निकाय किसानों के हित में ठीक से काम करें।
एफपीसी को “महाफार्म”एमसीडीसी द्वारा एग्रो उत्पादों और सहकारी समितियों द्वारा पेश किए गए उत्पाद की ब्रांडिंग और विपणन के लिए अपनाई गई एक ब्रांड के माध्यम से स्थापित किया जाएगा। एमसीडीसी ने पहले ही महाराष्ट्र के जिलों में काम कर रहे पैक्स, एफपीसी और एसएचजी से कई कृषि-उत्पादों को सूचीबद्ध कर लिया है।