
भोपाल जिला सहकारी बैंक का निवेश घोटाला 118 करोड़ रुपये से बढ़कर 331 करोड़ रुपये हो गया है। बैंक ने नियमों का उल्लंघन करते हुए वित्त और बुनियादी ढांचा कंपनियों में निवेश किया है।
बैंक ने अडानी समूह और कई अन्य छोटी कंपनियों में 150 करोड़ रुपये का निवेश किया है। हालांकि इन कंपनियों से पैसे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
हालांकि, मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने मामले को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दिया है।
इस संदर्भ में सहकारिता विभाग ने भोपाल जिला सहकारी बैंक के उप रजिस्ट्रार और तत्कालीन एमडी आरएस विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया है।
विश्वकर्मा पर ऐसी कंपनियों के निवेश करने का आरोप लगा जो पैसे वापस करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है।