केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले सप्ताह भाजपा सहकारिता सेल के प्रमुख और आरएसएस से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण नेताओं के साथ कृषि भवन में अपने कार्यालय में उच्च स्तरीय बैठक की।
बैठक का उद्देश्य केंद्रीय सरकार की योजनाओं और कार्यक्रम को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए रास्ता खोजना था। सरकार तेजी से महसूस कर रही है कि देश के अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचना केवल सहकारिता के माध्यम से ही संभव है।
इस मौके पर भाजपा के उपाध्यक्ष और सहकारिता सेल के प्रमुख श्याम जाजू, गुजरात के वरिष्ठ सहकारी नेता और नेफस्कॉब के अध्यक्ष दिलीप संघानी और सहकार भारती के नेता सतीश मराठे मौजूद थे। सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला उपस्थित थे।
बैठक का विवरण साझा करते हुए दिलीप संघानी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी का 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का सपना है और इसमें सहकारिता क्या भूमिका निभा रही है और अंतिम व्यक्ति तक कैसे पहुंच सकती है इस पर विस्तार से चर्चा हुई”।
“यह एक प्रारंभिक बैठक थी जिसके बाद शीघ्र एक और ठोस बैठक होगी”, संघानी ने कृषि मंत्रालय के लिए एक प्रकार के सहकारिता सलाहकार बोर्ड के गठन पर संकेत करते हुए कहा।
यह बैठक सत्तारूढ़ दल और सहकारी समितियों की थी। संघानी ने इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार या पार्टी अकेले जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच सकती है। सरकार की सीमाएं हैं और यहां तक कि एक पार्टी के रूप में भाजपा संगठन की भी अपनी सीमा है और यह केवल सहकारिता है जिसकी पहुंच देश के दूर-दराज इलाकों के साथ-साथ अंतिम व्यक्ति तक है, संघानी ने आगे कहा।
बैठक में बहस हुई कि एक राजनीतिक दल के रूप में भाजपा को सहकारी समितियों के साथ अधिक से अधिक शामिल रहना होगा। घंटे भर चली बैठक का उद्देश्य सरकार, पार्टी और सहकारिता तीनों विंगों के बीच तालमेल बिठाना था। सतीश मराठे की उपस्थिति का मतलब था कि सरकार अपनी योजना में सहकार भारती को शामिल करने के लिए उत्सुक है। अभी सहकार भारती का 2 दिन का सम्मेलन चल रहा है और वह अपने संगठन के आकार को विशाल रूप देना चाहती है।
चूंकि यह औपचारिक बैठक नहीं थी, अतः संघानी ने स्वीकार नहीं किया कि वास्तव में यह बैठक श्याम जाजू, दिलीप संघानी तथा सतीश मराठे सहित तीन सदस्यों के एक सलाहकार बोर्ड के गठन के उद्देश्य से हुई थी।
वे तीनों फिर से मिलने जा रहे हैं और एक ब्लू-प्रिंट तैयार करेंगे, जिसे अंतिम चर्चा और कार्यान्वयन के लिए पार्टी अध्यक्ष के पास ले जाया जाएगा।