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तोमर ने किसानों के लिए पेंशन योजना शुरू करने की घोषणा

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली स्थित कृषि भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर “पीएम किसान मान धन योजना” के लिए पंजीकरण शुरू किया।

देश-भर के किसानों को वृद्धावस्था पेंशन योजना में शामिल होने की अपील करते हुए, मंत्री ने कहा कि इस योजना की परिकल्पना देश के छोटे और सीमांत किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई है।

मंत्री ने कहा कि परिचालन संबंधी दिशा-निर्देश राज्यों के साथ साझा किये गये हैं और कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल ने इस संबंध में राज्यों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की ताकि योजना की उचित जानकारी का प्रसार और त्वरित कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।

योजना की मुख्य विशेषताओं के बारे में बताते हुए, तोमर ने कहा कि यह योजना 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के किसानों के लिए स्वैच्छिक और अंशदायी है और 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर उन्हें रु.3000/- मासिक पेंशन प्रदान किया जाएगा।

सेवानिवृत्ति की तारीख यानी 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने तक किसानों को, पंजीकरण के समय उम्र के अनुसार, पेंशन फंड में रु.55/- से रु.200 तक का मासिक योगदान देना होगा। केंद्र सरकार भी पेंशन फंड में समान राशि का योगदान करेगी।

निधि में अलग-अलग योगदान करने पर पति या पत्नी3000 रुपये का अलग पेंशन पाने के लिए भी पात्र होंगे। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) पेंशन निधि प्रबंधन और पेंशन  भुगतान की देखरेख करेगा।

मंत्री ने कहा कि सेवानिवृत्ति की तारीख से पहले किसान की मृत्यु के मामले में, पति या पत्नी मृतक किसान की शेष आयु (60 वर्ष पूरा होने) तक शेष योगदान का भुगतान करके योजना में जारी रह सकते हैं। यदि पति या पत्नी जारी रखने की इच्छा नहीं रखते हैं, तो किसान द्वारा किए गए कुल योगदान का भुगतान ब्याज के साथ जीवनसाथी को किया जाएगा।

किसान, जो पीएम-किसान योजना के लाभार्थी भी हैं, उनके पास इस योजना के लाभ से सीधे पेंशन योजना में अपने योगदान की अनुमति देने का विकल्प होगा।  नियमित योगदान करने में चूक के मामले में, लाभार्थियों को निर्धारित ब्याज के साथ बकाया राशि का भुगतान करके योगदान को नियमित करने की अनुमति है।

योजना का प्रारंभिक नामांकन विभिन्न राज्यों में कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से किया जा रहा है। बाद में, पीएम-किसान राज्य नोडल अधिकारियों या किसी अन्य माध्यम से या ऑनलाइन माध्यम से नामांकन की वैकल्पिक सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

एलआईसी, बैंकों और सरकार की उचित शिकायत निवारण प्रणाली होगी। योजना की निगरानी, समीक्षा और संशोधन के लिए सचिवों की एक अधिकार प्राप्त समिति का भी गठन किया गया है।

तोमर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री किसान निधि के तहत इस वर्ष के लिए 10 करोड़ लाभार्थियों का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि अब तक पीएम-किसान योजना के तहत 5, 88,77,194 और 3,40,93,837 किसान परिवारों ने क्रमशः पहली और दूसरी किस्तें ली हैं।

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