रुड़की से स्नातक मैकेनिकल इंजीनियर को दुनिया की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था इफको में कोऑपरेटिव रिलेशन डायरेक्टर बनाया गया है। उनका नाम जी के गौतम है और वे इफ्को के एमडी डॉ. यू एस अवस्थी के प्रिय हैं।
यदि आप उनसे मुलाकात करेंगे तो सहकारिता के बारे में संदेह खत्म हो जाएंगे। विचारों की उनकी स्पष्टता और उनकी प्रस्तावित कार्रवाई आपको प्रभावित होने से नहीं रोक सकती।
और तो और इफको की आंवला इकाई के पुनरुत्थान का श्रेय गौतम को ही जाता है, जहां से वह नए कार्यभार को संभालने के लिए सीधे इफको मुख्यालय पहुंचे। गौतम इन दिनों एमएससीएस अधिनियम पढ़ रहे हैं। गौतम ने दो पुस्तकों को दिखाते हुए कहा, ”मैं सबसे पहले देश के सहकारी कानूनों और इफको के उप-नियमों को समझना चाहता हूँ ताकि मुझे जो काम सौंपा गया है उसको सही ढंग से कर सकूं”।
गौतम ने सहकारी मॉडल की श्रेष्ठता में अपना विश्वास दिखाते हुए कहा, “हालांकि मैं एक प्रशिक्षित मैकेनिकल इंजीनियर हूँ और कई वर्षों से इफको के साथ रहा हूँ और इस तथ्य से कभी अनजान नहीं था कि मैं सहकारी संस्कृति में काम करता हूँ”।
“क्या आप किसी अन्य मॉडल की कल्पना कर सकते हैं, जिसमें शेयरधारकों को साल-दर-साल 20 प्रतिशत लाभांश दिया जाता है”, गौतम ने पूछा। “इस मॉडल के पास एक मानवीय चेहरा है जो कहीं नहीं पाया जाता है”, उन्होंने गर्व के साथ कहा।
‘किसानों को सहकारी उत्पादों पर विश्वास है’, उन्होंने इफको-एमसी का उदाहरण देते हुए कहा, जो नकली और अविश्वसनीय कीटनाशक कंपनियों को हटाने में अब तक सफल रहे हैं। गौतम ने कहा कि इफको के उत्पादों की विश्वसनीयता के कारण किसानों के बीच हमारी लोकप्रियता काफी बढ़ी है।
“सच कहूँ तो मुझे यह रोमांचक लग रहा है। रोमांचक इसलिए भी क्योंकि मैं अब सीधे एमडी डॉ. यू एस अवस्थी के दृष्टिकोण को क्रियान्वित कर रहा हूँ, जिनका दिमाग सदा नई परियोजनाओं पर केंद्रित रहता है।
ऐसा नहीं है कि नए निदेशक को नौकरी की चुनौतियों के बारे में पता नहीं है, जिसका नेतृत्व कभी दिग्गज डॉ. जी एन सक्सेना करते थे।डॉ. सक्सेना को अभी भी एक सहकारी नेता के रूप में मूल्यांकित किया जाता है, जिन्होंने देश और विदेश के सहकारी नेताओं के साथ गहन संपर्क स्थापित किया था।
लेकिन गौतम ने पूरे जोश में कवायद भी शुरू कर दी है। वह आईसीए एपी के प्रमुख, नेपाल के सहकारी और अन्य लोगों से मिलने के लिए हर अवसर का उपयोग कर रहे हैं। “मुझे मेल के माध्यम से भी चीजों को धीरे-धीरे समझना पड़ रहा है”, उन्होंने दुनिया भर में फैले को-ऑप संगठनों के नाम लेते हुए कहा।
गौतम भारतीय सहकरी नेताओं से मिलने और उन्हें बेहतर तरीके से जानने की भी योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “इफको से 38 हजार सहकारी समितियां जुड़ी हैं और मुझे अपनी ज़िम्मेदारी की जानकारी है”।
गौतम को 12 जुलाई को दिल्ली में इफको मुख्यालय में हुई बोर्ड की बैठक में निदेशक बनाया गया। बोर्ड की अन्य सिफारिशों में सिक्किम ऑर्गेनिक्स के प्रमुख शामिल थे। के एल सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि ए के सिंह को निदेशक (तकनीकी) बनाया गया है।