अमूल ब्रांड के नाम से दूध बेचने वाला जीसीएमएमएफ का कहना है, संस्था दूध के गुणवर्धन के विरोध में नहीं है, लेकिन प्राकृतिक दूध को पसंद किया जाएगा। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक फोर्टीफाइड मिल्क सेगमेंट में सेंध लगाने के भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए अमूल ने कहा कि यह सिंथेटिक या कृत्रिम रूप से फोर्टिफाइड मिल्क के पक्ष में नहीं है।
गौरतलब है कि एफएसएसएआई ने हाल ही में अमूल को फोरटिफाइड दूध खंड को “उपेक्षित” करने के लिए नोटिस भेजा था।
पत्रकारों से बात करते हुए जीसीएमएमएफ़ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा कि “अगर मैं आपको रसायन और सिंथेटिक देता हूँ जहाँ इसकी आवश्यकता नहीं है तो यह विषाक्त हो जाएगा,” उन्होंने कहा।