एनसीडीसी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सहकारी बैंकों को साइबर हमले से सुरक्षित रखने के लिए एनसीडीसी में हाल ही में साइबर सुरक्षा सलाहकार फोरम का उद्घाटन किया गया।
एनसीडीसी को इसके प्रयास में साइबर सुरक्षा गुरु और पीएमओ में पूर्व राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा प्रमुख डॉ. गुलशन राय मानद वरिष्ठ सलाहकार के रूप में मदद करेंगे। डॉ. राय की अध्यक्षता में फोरम की दो समितियां संचालन समिति और एनबलर कमेटी हैं ।
साइबर सुरक्षा और साइबर संकट प्रबंधन हेतु एक नीतिगत ढांचा विकसित करने के लिए, संचालन समिति की पहली बैठक नई दिल्ली में एनसीडीसी के प्रधान कार्यालय में आयोजित की गई थी। इसमें देश भर के 11 राज्यों से 13 संस्थानों के एमडी और आई टी प्रमुखों ने भाग लिया। डॉ. गुलशन राय ने अपने शोध निष्कर्षों के आधार पर सहकारी संस्थानों की भेद्यता प्रोफ़ाइल का तकनीकी मूल्यांकन किया। उन्होंने सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में साइबर सुरक्षा के उन्नयन के लिए विभिन्न स्तरों पर परिचालन रोड मैप के बारे में बात की।
एनबलर कमेटी ने ऑपरेशन कमेटी के मंत्रणा पर विचार किया और कार्रवाई योग्य निम्न चार बिंदुओं पर निर्णय लिया –
सबसे पहले– सहकारी समितियों के बीच एक मॉडल साइबर सुरक्षा नीति का मसौदा तैयार करना और प्रसारित करना, जिस पर वे विचार कर सकते हैं और अपना सकते हैं;
दूसरा– बीमा कंपनियों के साथ बातचीत हेतु बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा बीमा के प्रावधानों पर एक मॉडल दस्तावेज़ का मसौदा तैयार करना;
तीसरा– बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा पर उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संदर्भों को विकसित करना; और
चौथा- वेब एप्लिकेशन पर सेवा प्रदाताओं के साथ दर्ज किए जाने वाले मॉडल कानूनी दस्तावेज़ का मसौदा तैयार करना।
इन चार एक्शन योग्य बिंदुओं के लिए विभिन्न एमडी के नेतृत्व में चार कार्य समूहों का गठन किया गया ताकि उनकी सिफारिशों को एक महीने के भीतर एनबलर कमेटी द्वारा प्राप्त किया जा सके।
इस अवसर पर बोलते हुए, एनसीडीसी के एमडी सुदीप कुमार नायक ने कहा कि सहकारी संस्थाओं को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए एनसीडीसी अधिनियम के तहत इसे दिए गए जनादेश के आलोक में एनसीडीसी सहकारी संस्थाओं के “साइबर सुरक्षा सलाहकार फोरम” (सीआईसीएएफ) को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में डॉ. गुलशन राय की सलाह अत्यधिक फायदेमंद होगी।