सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाला मामले में अजीत पवार समेत 69 को राहत देने से इनकार कर दिया, क्योंकि अदालत को लगा कि मामले में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्र और एम.आर. शाह की खंडपीठ ने कुछ आरोपियों द्वारा दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई की, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट के 22 अगस्त के आदेश को चुनौती दी गई थी। शीर्ष अदालत का निष्कर्ष है कि जांच को रद्द करने की कोई आवश्यकता नहीं है। अदालत ने पुलिस को “स्वतंत्र और निष्पक्ष” जांच करने का आदेश दिया है।
इससे पहले, उच्च न्यायालय के आदेश और उसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने गत 26 अगस्त को धारा 420, 506, 409, 465 सहित विभिन्न धाराओं के तहत अजीत पवार और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
इस बीच, अजीत पवार को गिरफ्तार करने के लिए राज्य में सार्वजनिक मांग बढ़ रही है।
नाबार्ड द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट में महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के 1000 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि के लिए पवार और अन्य की लिप्तता की ओर इशारा किए जाने के बाद से ही गहन जांच की मांग की गई थी। लेकिन सत्तारूढ़ बीजेपी ने इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए हिम्मत नहीं की और इसका श्रेय एक अकेले याचिकाकर्ता को जाता है। यह घोटाला तीन वित्तीय वर्ष 2007-08, 2008-09 और 2009-10 में किया गया।
यह बताना पुनः जरूरी है कि 2012 में उच्च नकारात्मक निवल मूल्य के लिए आरबीआई द्वारा दस्तक देने के बाद एनसीपी के माणिकराव पाटिल की अध्यक्षता वाले बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया गया था।
कहा जाता है कि चीनी मिलों और कई अन्य सहकारी समितियों को ऋण जारी करने में निदेशक मंडल ने नाबार्ड के नियमों का उल्लंघन किया था।
बाद में, बैंक को एक प्रशासनिक बोर्ड के अधीन किया गया। पुणे के वरिष्ठ सहकारी संचालक विद्याधर अनास्कर वर्तमान में ‘महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक’ के प्रशासनिक बोर्ड के अध्यक्ष हैं। अनास्कर के नेतृत्व में एमएससीबी काफी अच्छा काम कर रहा है और 2018-19 के वित्तीय वर्ष में बैंक ने 316 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।
इतना ही नहीं, इसमें 57 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, और इसका कुल कारोबारी मिश्रण बढ़कर 35,540 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो देश के कई राज्य सहकारी बैंकों के कारोबार से अधिक है। इस कारोबार के साथ, एमएससीबी एशिया का सबसे बड़ा राज्य सहकारी बैंक बन गया है।
पूरे महाराष्ट्र में बैंक की कुल 57 शाखाएँ हैं।