भारत की प्रमुख सहकारी संस्था, इफको ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 69वें जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रव्यापी पौधा रोपण अभियान की शुरुआत की।
मध्य प्रदेश के मुरैना से शुरू हुए इस कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा ग्रामीण विकास मंत्री माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर उपस्थित थे।
देश भर में फैले इफको के किसान विकास केन्द्रों के जरिए इस अभियान की शुरुआत की गई। इफको के सभी राज्य कार्यालयों ने सक्रियतापूर्वक हिस्सा लेते हुए लगभग 7 लाख पौधे लगवाए जो किसी पौधा रोपण कार्यक्रम के तहत पूरे भारत में एक दिन में लगाए गए पौधों की संख्या की दृष्टि से एक कीर्तिमान है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तोमर ने इसे महा-अभियान बताते हुए इफको द्वारा किसानों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम में आए हुए किसानों से बात करते हुए इफको के प्रबंध निदेशक उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि ‘इफको का नीम रोपण कार्यक्रम कई वर्षों से चल रहा है, जिसके तहत अब तक 10 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं।
इस अभियान का उद्देश्य पहले से चले आ रहे प्रसासों को गति देना है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘वर्ष 2020 तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने के माननीय प्रधानमंत्री जी के सपने को साकार करने की दिशा में यह एक विनम्र पहल है। इससे पर्यावरण संरक्षण में भी सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के 69वें जन्मदिन पर राष्ट्र के नाम इफको का यह तोहफा है।’’
पर्यावरण संरक्षण हमेशा से ही इफको की प्राथमिकता रही है। पौधा रोपण के अलावा इफको देश भर में वनीकरण और बंजर भूमि विकास से संबंधित अनेक कार्यक्रम चला रहा है।
अभियान के दौरान वितरित किए गए पौधों में फलदार के साथ-साथ नीम के पौधे शामिल थे। इस अभियान से हरित क्षेत्र बढाने में मदद मिलेगी जो किसानों के लिए अप्रत्यक्ष आय के स्रोत बनेंगे। इसके अतिरिक्त इफको ने ऐसे नए किस्म के उर्वरक बनाने शुरू किए हैं जिनसे पर्यावरण पर कम से कम प्रभाव पड़ेगा तथा ये माइक्रोन्यूट्रियंट की कमी को दूर करने के साथ-साथ जल संरक्षण मे भी मददगार होंगे।
इफको पूर्णत: सहकारी स्वामित्व वाली विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था है। महज 57 सहकारी समितियों के साथ शुरू हुई यह संस्था आज 36000 से अधिक सदस्य सहकारी समितियों के साथ विविध क्षेत्रों में कार्य कर रही है जिसमें सामान्य बीमा से लेकर ग्रामीण दूरसंचार तक शामिल हैं।