आम तौर पर देश के उत्तरी राज्यों के शहरी सहकारी बैंकों से संबंधित अच्छी खबरें सुनने को नहीं मिलती लेकिन मध्य प्रदेश स्थित नागरी सहकारी बैंक, विदिशा उनमें से एक है जिसने 2018-19 में अच्छा प्रदर्शन किया।
एक शाखा वाला बैंक होने के बावजूद नागरीक सहकारी बैंक नई बुलंदियों को छूने के लिए प्रयास कर रहा है। बैंक ने हाल ही में 17वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया जिसमें घोषणा की कि उसने सभी मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
शुद्ध एनपीए 5.60% से घटकर 3.44% हो गया, जबकि 31 मार्च 2019 को सकल एनपीए 8.65% से घटकर 6.23% हो गया। बैंक को उधारकर्ताओं से 89 लाख से अधिक की वसूली करनी है, इसके सीईओ जितेंद्र जैन ने एजीएम के तुरंत बाद इस संवाददाता से कहा।
बैंक की जमा राशि 20 करोड़ रुपये से बढ़कर 25 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि ऋण और अग्रिम 12 करोड़ रुपये से बढ़कर 14 करोड़ रुपये हो गई हैं।
“हमारा प्रबंधन ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने के लिए लगातार प्रयासरत है। हम अपने आंतरिक तंत्र को मजबूत कर रहे हैं और कुछ वर्षों के बाद नई शाखाएँ खोलेंगे”, जैन ने बैंक के भविष्य के लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा।
बैंक ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में 14.42 लाख रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है, जो पहले 15 लाख रुपये का था। “हमने पिछले वित्तीय वर्ष में नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाने पर बहुत पैसा खर्च किया था इसलिए उनके लाभ में मामूली सी गिरावट आई है।
“‘हम अपने मूल्यवान ग्राहकों को एटीएम, मोबाइल ऐप, एसएमएस अलर्ट, आरटीजीएस, एनईएफटी सहित उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं दे रहे हैं। बैंक जल्द ही अपने ग्राहक के लिए “यूपीआई” सेवा शुरू करेगा ”बैंक के सीईओ ने सूचित किया।
पाठकों को याद होगा कि बैंक ने अतीत में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कुप्रबंधन के कारण 2008-2011 में बैंक की स्थिति ठीक नहीं थी और उस दौरान उसे गंभीर वित्तीय संकट से जूझना पड़ा।
बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जितेंद्र जैन ने शेयरधारकों के समक्ष वित्तीय रिपोर्ट पेश की, जिसे सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया।
इस अवसर पर विदिशा के विधायक शशांक भार्गव, पूर्व विधायक रुद्रप्रताप सिंह, बैंकिंग विशेषज्ञ लीलाधर पंडित, बैंक के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र यादव, निदेशक मालती जैन, जगदीश राठी और अन्य उपस्थित थे।
बैंक से 2000 से अधिक शेयरधारक जुड़े हैं। बैंक ने अपने शेयरधारकों के लिए 5 प्रतिशत लाभांश की घोषणा की।