पुणे स्थित ‘इंडियन सोसाइटी फॉर स्टडीज इन को-ऑपरेशन’ [आइएसएससी] ने “वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान”, पुणे और जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ लि. कटराज डेयरी”, पुणे के सहयोग से 21 सितंबर 2019 को “स्वर्गीय प्रो. आर. वी. नाडकर्णी मेमोरियल सम्मेलन” का आयोजन किया, जिसका विषय “सहकारी दुग्ध व्यवसाय : 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने का एक साधन” था।
“वामनिकॉम कैंपस” में स्थित “इंडियन सोसाइटी फॉर स्टडीज इन कोऑपरेशन” समय-समय पर सहकारी कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है।
सम्मेलन का उद्घाटन “कटराज डेयरी” के अध्यक्ष- विष्णु हिंगे ने किया। समारोह की अध्यक्षता आइएसएससी के अध्यक्ष जी.एच.अमीन ने की जो एनसीयूआई के उपाध्यक्ष और गुजरात राज्य सहकारी संघ, अहमदाबाद के भी अध्यक्ष हैं।
विष्णु हिंगे ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि खेती किसान की आय को दोगुना करने का एकमात्र साधन नहीं है। वैज्ञानिक रूप से संगठित दूध व्यवसाय भी किसान की आय को दोगुना करने में मदद कर सकता है।
वामनिकॉम के प्रोफेसर और आइएसएससी के सचिव- अनिल करंजकर ने अपने समापन सम्बोधन में भारत में डेयरी आंदोलन की वर्तमान स्थिति और उन चुनौतियों पर चर्चा की, जिनका सामना करने की आवश्यकता है।
उन्होंने जोर दिया कि इस डिजिटल युग में, सम्मेलन को दूध उत्पादन, संग्रह, मूल्य संवर्धन और विपणन में चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
वामनिकॉम की प्रोफेसर मनीषा पालीवाल ने कार्यक्रम को होस्ट किया, जबकि इस कार्यक्रम के आयोजन में अनिल करंजकर, शिरसागर, मनीषा पालीवाल और श्रीमती अंजलि नवघने की मुख्य भूमिका थी।