केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएमसी बैंक के मुद्दे को सुलझाने में अपनी बेबसी जाहिर करते हुए कहा है कि सहकारी बैंक वित्त मंत्रालय के अंतर्गत नहीं आते हैं। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि ये आरबीआई के दायरे में आते हैं जो स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है।
सीतारमण ने पीएमसी बैंक के पीड़ितों के लिए पीआईबी के माध्यम से ट्वीट करके एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया। उनके ट्वीट के जवाब में, जमाकर्ताओं में से एक ने कहा कि उसके पास जहर खाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
इस प्रतिक्रिया से आहत, वित्त मंत्री ने ट्वीट किया, “मैं आपसे अपील करती हूँ कि ऐसी चरम चीजों का उल्लेख/बोलना/लिखना न करें।बहु-राज्य सहकारी संस्थान वित्त मंत्रालय के अंतर्गत नहीं आते हैं, भले ही उन्हें बैंक कहा जाता हो। @आरबीआई उनका नियामक है और वे कार्रवाई कर रहे हैं”।
आरबीआई की कारवाई के साथ-साथ, मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने घोटाले के संबंध में पीएमसी बैंक के कुछ बड़े अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
इस बीच, खाताधारकों को खाते से अधिक से अधिक 10,000 रुपये की राशि निकालने की अनुमति दी गई है।
2008 के बाद से बैंक का घाटा 4,355.46 करोड़ रुपये का है। बैंक के पूर्व अध्यक्ष वरयाम सिंह, प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, एचडीआईएल के निदेशक वधावन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस बीच, निलंबित एम.डी. जॉय थॉमस का आरबीआई को लिखा पत्र विभिन्न कार्यालयों में घूम रहा है। पांच पन्नों के पत्र से पता चलता है कि कैसे साल दर साल पीएमसी बैंक ने अपने खातों को ऑडिटरों और आरबीआई से छुपाया। “हमें उम्मीद थी कि चीजें जल्द ही सामान्य हो जाएंगी और वधावन अपना कर्ज चुका सकेंगे”, 80 के दशक की शुरुआत में यूसीबी की स्थापना में वधावनों की भूमिका को रेखांकित करते हुए थॉमस ने कहा।
एमडी के पत्र में यह भी स्वीकारोक्ति है कि बैंक की एचडीआईएल के साथ वास्तविक जोखिम 6,500 करोड़ रुपये से अधिक है, जो कि बैंक की कुल ऋण-पुस्तिका का 73 प्रतिशत है।
इस बीच पीएमसी बैंक पतन के सदमे से उबरता हुआ नहीं लग रहा है क्योंकि खबर आने के बाद से शेयर बाजार में इसकी स्थिति बिगड़ती जा रही है। बैंकिंग प्रणाली में लोगों का विश्वास कम होता जा रहा है, जिसके लिए आरबीआई को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से हस्तक्षेप करना पड़ा।
मुख्य महाप्रबंधक – योगेश दयाल द्वारा हस्ताक्षरित प्रेस विज्ञप्ति का पाठ निमन्वत है,-
“आरबीआई आम जनता को आश्वस्त करना चाहता है कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली सुरक्षित और स्थिर है और इस तरह की अफवाहों के आधार पर घबराने की आवश्यकता नहीं है”।