एनसीसीई ने हाल ही में महिलाओं के लिए सहकारी समितियों में शीर्ष पद हासिल करने के संदर्भ में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें असम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों की 43 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।
सहकारी समितियों में सदस्यों को बिना किसी भेद-भाव के शामिल किया जाता है। हालांकि, जब शीर्ष पदों पर कब्जा करने की बात आती है, तो महिला सदस्य इस रेस में पीछे रह जाती हैं, – एनसीसीई के हेड डॉ वी के दुबे ने बताया।
इस अंतर को दूर करने और सहकारी समितियों में महिलाओं का नेतृत्व बढ़ाने के उद्देश्य से एनसीसीई, नई दिल्ली ने महिला सहकारी-संचालकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजन किया और साथ ही विभिन्न राज्य/जिला सहकारी संघों के सहयोग से पूरे देश में भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती है, दुबे ने बताया।
प्रतिभागियों को संचार, नेतृत्व और उद्यमशीलता आदि जैसे कौशल के अलावा सहकारी समितियों की विचारधारा और प्रबंधन से परिचित कराया गया, जो एक नेता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
प्रतिभागियों को सूचना प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया के उपयोग और राष्ट्रीय महिला कोष की योजनाओं पर जानकारी भी दी गयी। उनके उद्यमिता कौशल को विकसित करने के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया गया था जिसमें एक विषय विशेषज्ञ ने उन्हें मधुमक्खी पालन और शहद बनाने के बारे में बताया।
महिला सहकारी समितियों से आए प्रतिभागियों को ऋण तंत्र के बारे जानकारी साझा करने के लिए एनसीडीसी का दौरा कराया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रतिभागियों को कुतुब मीनार, लोटस टेम्पल, इंडिया गेट और इंदिरा गांधी मेमोरियल आदि जैसे कुछ पर्यटन स्थलों पर भी ले जाया गया।
कार्यक्रम के अंतिम दिन सभी प्रतिभागियों को भागीदारी का प्रमाण-पत्र दिया गया। प्रतिभागियों ने अपनी संतुष्टि व्यक्त की और महसूस किया कि वे अब अपनी सहकारी समितियों के प्रबंधन और नेतृत्व के लिए बेहतर तरीके से सुसज्जित हैं।
कार्यक्रम का समन्वयन श्रीमती संध्या कपूर, उप निदेशक, एनसीसीई/आईटी द्वारा किया गया।