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राजस्थान सरकार ने क्रेडिट सहकारी समितियों में हुए घोटालों के संदर्भ में एक बड़ा फैसला लिया है।
सरकार ने फैसला लिया है कि अब कोई भी नई क्रेडिट सहकारी समिति पंजीकृत नहीं होगी। सभी मौजूदा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे अपनी सभी जमा राशि सहकारी बैंकों में डालें।
इन क्रेडिट सहकारी समितियों को भी अपनी प्रगति रिपोर्ट हर महीने सहकारी बैंकों को भेजनी होगी। गलती करने वाली समितियों के
खातों को जब्त कर लिया जाएगा।
उन्हें विभाग के ऑडिटर्स द्वारा खुद को ऑडिट करवाना होगा। सहकारी पंजीयक ने राज्य में संचालित सभी क्रेडिट सहकारी समितियों को ये निर्देश जारी किए हैं।
कुल मिलाकर 387 डिफंक्ट क्रेडिट सोसायटी हैं और जल्द ही उनका पंजीकरण रद्द करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।