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मराठा सहकारी बैंक को कोई राहत नहीं

मराठा सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (महाराष्ट्र), को 31 अगस्त, 2016 को निर्देश के तहत रखा गया था। समय -समय पर निर्देशों की वैधता को बाद के निर्देशों के अनुसार बढ़ाया गया था, अंतिम निर्देश दिनांक 25 मार्च, 2019 और समीक्षा के अधीन 30 सितंबर, 2019 तक मान्य था।

आरबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा,  “यह जनता की जानकारी के लिए सूचित किया गया है कि, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 [धारा 35 ए की उप-धारा (1) के साथ पठित] के तहत इसमें निहित शक्तियों का प्रयोग है करते हुए एतद्द्वारा निर्देश देता है कि 31 अगस्त, 2016 का निदेश [यथा समय-समय पर संशोधित] उपरोक्त बैंक को जारी किया गया है, जिसकी वैधता अंतिम बार 30 सितंबर, 2019 तक बढ़ाई गई थी, 1 अक्टूबर , 2019 से 31 दिसंबर, 2019 तक तीन महीनों की अवधि तक आगे भी लागू रहेगा। यह निर्देश समीक्षा के अधीन रहेगा।

25 सितंबर,  2019 के निर्देश की एक प्रति, उपरोक्त विस्तार को सूचित करते हुए, बैंक के परिसर में जनता के अवलोकन के लिए प्रदर्शित की गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पूर्वोक्त विस्तार या संशोधन का अर्थ यह नहीं लगाया जाना चाहिए कि भारतीय रिज़र्व बैंक उक्त बैंक की वित्तीय स्थिति में व्यापक सुधार से संतुष्ट है, नियामक स्पष्ट करता है.

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