महाराष्ट्र स्थित जलगांव जनता सहकारी बैंक और सहकार भारती ने संयुक्त रूप से हाल ही में जलगांव में शहरी सहकारी बैंकों के प्रतिनिधियों के लिए एक राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया। बैठक का मुख्य एजेंडा पीएमसी बैंक घोटालों के बाद लोगों के विश्वास को फिर से हासिल करना था।
‘भारतीयसहकारिता’ से बातचीत करते हुए सहकार भारती के राष्ट्रीय महासचिव उदय जोशी ने कहा कि, “सेमिनार में पूरे महाराष्ट्र से 40 यूसीबी से करीब 113 प्रतिनिधियों ने भाग लिया”।
उन्होंने आगे बताया कि, ‘बैठक में ‘कई मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन पीएमसी प्रकरण सेमिनार का मुख्य एजेंडा था। हमें लोगों का विश्वास फिर से हासिल करना है। हम एक मंच का निर्माण करेंगे जिसमें अध्यक्ष, सीईओ और वैधानिक लेखा परीक्षक शामिल होंगे, जहाँ हम अपने सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कर सकते हैं”, जोशी ने समझाया।
संगोष्ठी में सहकार भारती के पूर्व अध्यक्ष और आरबीआई सेंट्रल बोर्ड के निदेशक सतीश मराठे, सहकार भारती यूसीबी के सेल हेड संजय बिड़ला, जलगाँव जनता सहकारी बैंक के चेयरमैन अनिल राव, बैंक के सीईओ पुंडलिक पाटिल, संजय नागमोती और अन्य उपस्थित थे।
जोशी ने कहा कि पीएमसी प्रकरण के मद्देनजर लोगों का विश्वास अर्बन कॉपरेटिव बैंक में कम हुआ है और बोर्ड, लेखा परीक्षकों, नियामकों, कॉप विभाग की जवाबदेही जैसे विषयों पर बहस शुरू हो गई है।
इस अवसर पर आरबीआई सेंट्रल बोर्ड के निदेशक सतीश मराठे ने भी लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा अगर सहकारी आंदोलन को आगे बढ़ाना है तो हमें अपने जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कोशिश करनी होगी।
बैठक में इस तथ्य पर भी जोर दिया गया कि यूसीबी में जमा मुख्य रूप से बोर्ड के विश्वास और छवि के आधार पर जुटाई जाती है।
इसमें प्रतिभागियों से निश्चिंत रहने का आह्वान किया गया और उन्हें सूचित किया गया कि सहकार भारती ने इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात की है।
इस बीच विशेषज्ञों ने विभिन्न मुद्दों जैसे कि वर्तमान जोखिम प्रबंधन, व्यापार रणनीतियों, सहकारी बैंकों की चुनौतियों से निपटने पर मार्गदर्शन प्रदान किया। विभिन्न सत्र भी आयोजित किये गये।