बिहार में पैक्स चुनाव संपन्न होने के साथ दिग्गज सहकारी नेता विनय कुमार शाही, रमेश चंद्र चौबे समेत अन्य निर्वाचित हुये। पैक्स का चुनाव कई चरणों में हुआ और आखिरी चरण का मतदान 17 दिसंबर 2019 को समाप्त हुआ।
बिहार राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष विनय कुमार शाही को बिहार में अहियापुर पैक्स, ब्लॉक विजयपुर, जिला गोपालगंज के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया है।
वहीं रमेश चौबे की जीत के बारे में जानकारी देते हुए, बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने लिखा, “आपको जानकारी के लिए बता दूं कि बिहार स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन रमेश चंद्र चौबे ने भारी मतों से शानदार जीत हासिल की है। चौबे के प्रतिद्वंद्वी को सिर्फ 63 वोट मिले।
बताया जा रहा है कि राज्य में करीब 8,034 पैक्स हैं, जिनमें से 7,000 समितियों का चुनाव हो चुका है। शेष समितियों का चुनाव बोर्ड का कार्यकाल नहीं पूरा होने या फिर कई अन्य कारणों से नहीं हुआ।
सकरा, बांद्रा, मुरौल और मुशहरी ब्लॉक में स्थित पैक्स समितियों का चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। मुरौल में छह, सकरा में अठारह, मुशहरी में इक्कीस पैक्स हैं। मुजफ्फरपुर के मोतीपुर ब्लॉक में तीसरे चरण में चुनाव हुआ।
जानकारी के मुताबिक, बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने पैक्स का चुनाव नहीं लड़ा क्योंकि सिंह से जुड़ी समिती ने फीस का भुगतान नहीं किया है।
15 दिसंबर को मोहनपुर ब्लॉक में पैक्स समितियों में चुनाव से पहले उन्मादी उकसावे हुई। 17 पंचायतों में 40 से अधिक मतदान केंद्रों को बनाया गया था।
पैक्स चुनाव के बाद, व्यापार सहकारी समितियों, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों और सर्वोच्च निकायों का चुनाव होगा। चुनाव बिहार राज्य चुनाव प्राधिकरण की देखरेख में हुआ।
इस बीच, बिहार में पैक्स के कामकाज पर टिप्पणी करते हुए, हमारे संवाददाता पारस नाथ चौधरी ने कहा कि जब वे उत्तर बिहार के एक जिले दरभंगा के अपने गाँव करजापट्टी में एक दलित पैक्स सदस्य से मिले, तो गरीबों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनकी भूमिका क्या है?
चौधरी ने कहा कि पैक्स की बोर्ड समितियों को मनमाने ढंग से चलाती है और समाज के कमजोर वर्गों से आने वाले लोगों को निर्णय लेने में अनुमति नहीं होती है।