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उपभोक्ता सहकारी समितियों को सक्रिय बनाने में एनसीडीसी की पहल

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसीने हाल ही में अपने मुख्यालय में “उपभोक्ता सहकारी समितियां और मूल्य शृंखला” पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कियाजिसमें देश भर की उपभोक्ता सहकारी समितियों के अध्यक्षोंएमडीसचिवों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भाग लिया।

इस अवसर तमिलनाडु के सहकारिता मंत्री सेलुर के राजू मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। अन्य बातों के अलावा, मंत्री की उपस्थिति से दक्षिण भारतीय अखबारों में इस कार्यक्रम को व्यापक मीडिया कवरेज मिली। इस अवसर पर मंत्री के अलावाएनसीडीसी के एमडी सुदीप नायकवरिष्ठ अधिकारी समेत अन्य उपस्थित थे।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुएराजू ने कहा, “ तमिलनाडु सरकार उपभोक्ता सहकारी समितियों को नई इमारतों के निर्माण, आधुनिकीकरण और कई अन्य चीजों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। तमिलनाडु में को-ऑप स्टोर निजी क्षेत्र से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच अच्छी तरह से काम करने में सक्षम हैं ”, उन्होंने रेखांकित किया।

इस अवसर परउन्होंने एनसीडीसी से 23 सहकारी थोक स्टोरों को 115 करोड़ रुपये और 128 प्राथमिक सहकारी स्टोरों को 64 करोड़ रुपये पांच साल की अवधि के शेयर पूंजी सहायता के रूप में प्रदान करने का आग्रह किया जिसे 10 वर्षों में चुकाया जाए।

मंत्री ने आगे कहा, “एनसीडीसी को उन क्षेत्रों की पहचान के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन करना चाहिए, जहां तमिलनाडु में को-ऑप्स में कृषि उपज के लिए मूल्य श्रृंखला स्थापित किया जा सके। एनसीडीसी इन परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान कर सकती है।तमिलनाडु में को-ऑप्स इन पहलुओं में एनसीडीसी के साथ गठजोड़ करने के लिए इच्छुक हैं”, उन्होंने कहा।

को-ऑप्स के कम्प्यूटरीकरण के महत्व को रेखांकित करते हुएमंत्री ने बताया कि तमिलनाडु सरकार की पहल पर सभी जिला सहकारी थोक स्टोरों को कम्प्यूटरीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिएएनसीडीसी तमिलनाडु में 370 प्राथमिक को-ऑप स्टोर के कम्प्यूटरीकरण के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 50 करोड़ रुपये प्रदान कर सकता है।

एनसीडीसी के एमडी सुदीप नायक ने अपने स्वागत भाषण में कहा, “उपभोक्ताओं को-ऑप्स किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। एनसीडीसी ने उपभोक्ता को-ऑप्स में 325 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है और भविष्य में इसे बढ़ाया जाएगा”, नायक ने कहा, जिन्होंने एनसीडीसी के एमडी के रूप में पदभार संभालने के बाद ग्लोबल को-ऑप फेयर सहित कई अन्य कार्य की शुरूआत की है।

विस्तार से बात करते हुए एमडी ने कहा, “हमें उपभोक्ता सहकारी समितियों को लोगों के बीच अधिक आकर्षक बनाने की रणनीति पर काम करना होगा”। नायक ने उपभोक्ता को-ऑप्स के समक्ष चुनौतियों और उनसे निपटने के तरीकों को सूचीबद्ध किया। इलेक्ट्रॉनिक बाजार के कारण यह क्षेत्र कई समस्याओं का सामना कर रहा है क्योंकि उपभोक्ता को-ऑप तकनीकी रूप से उन्नत नहीं हैं। उपभोक्ता सहकारिता व्यावसायिकता का अभाव भी उनके विकास में बाधा हैउन्होंने कहा।

इस बात पर ज़ोर देते हुए कि उपभोक्ता को-ऑप्सजमाखोरी और काला-बाजारी को हतोत्साहित करके वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैंनायक ने महसूस किया कि सहकारी समितियां एफपीओ के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

इस अवसर पर कई प्रतिभागियों ने अपनी बात रखी। प्रतिभागियों में से एकनरेंद्र उपाध्यायअध्यक्षकेंद्रीय थोक उपभोक्ता सहकारी भंडारएटा ने कहा, “उपभोक्ता को-ऑप विकसित करने में सरकारी विभाग अपना योगदान नहीं दे रहे हैं। हम अपने एक स्टोर के परिसर में मिनी मॉल स्थापित करने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए एनसीडीसी से फंड चाहते हैं”।

कन्फेड राजस्थान से आई एक अन्य प्रतिभागी ने अपने महासंघ के काम के बारे में जानकारी दी और कहा, ‘हमारी मसाला इकाई है और हम “उपहार” ब्रांड नाम के तहत उत्पाद बेच रहे हैं। महासंघ 405 मेडिकल स्टोर संचालित कर रहा है”।

डी अमलदासएमडीटीएन स्टेट कंज्यूमर कोऑपरेटिव फेडरेशन ने कहा, “’कंज्यूमर कॉप्स में टेक्नोलॉजी पिछड़ रही हैजिसे मजबूत करना है”।

एनसीडीसी के पीआर प्रमुखआर वनिता ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

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