महाराष्ट्र की चार लाख पंजीकृत आवासीय सहकारी समितियों के 33,000 से अधिक मामले न्यायालय में लंबित हैं। प्रबंधन समितियों और उनके सदस्यों के बीच विभिन्न अदालतों में मुकदमे चल रहे हैं।
महाराष्ट्र सोसायटी वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष रमेश प्रभु के अनुसार, मुंबई के आवासीय सहकारी समितियों ने 2016-17 में इन मामलों के लड़ने में कानूनी फीस के रूप में 16 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अनुमान है कि मुंबई महानगर में सहकारी समितियों के रखरखाव के लिए वार्षिक खर्च 1200 करोड़ रुपये है।
प्रभु ने कहा कि मुकदमेबाजी में शामिल प्रबंधन समितियां अच्छा काम करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि मुद्दों को सुलझाने के लिए मध्यस्थों की तत्काल आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि वर्ली में नेहरू सेंटर में 7 से 9 फरवरी तक तीन दिवसीय हाउसिंग सोसाइटी मैनेजमेंट शो आयोजित किया जा रहा है ताकि समितियों के कामकाज को सुचारू बनाया जा सके और मतभेद को कम किया जा सके।