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सहकार भारती ने अपने स्थापना दिवस का समारोह 11 जनवरी को पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया। देश के विभिन्न जिलों में कई संगोष्ठियों और कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।
समारोह की अगुवाई सहकार भारती के अध्यक्ष रमेश वैद्य ने किया, जिन्होंने कर्नाटक के कोप्पल जिले में एक उच्च-स्तरीय सहकारी कार्यक्रम में भाग लिया।
इस अवसर पर इकट्ठे हुए सहकार भारती के हजारों सदस्यों ने इसके संस्थापक लक्ष्मण राव इनामदार के दृष्टिकोण की शपथ ली। “भारतीयसहकारिता” से बात करते हुए श्री वैद्य ने कहा कि सहकार भारती पैक्स और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जैसा कि स्वर्गीय डॉक्टर साहब (श्री इनामदार का आदरयुक्त प्रचलित नाम) द्वारा कल्पना की गई थी।
वैद्य ने यह भी कहा कि इस अवसर पर न केवल कर्नाटक में बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी सैकड़ों कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस अवसर पर लखनऊ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहाँ कई वक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा पारित नागरिक संशोधन अधिनियम का समर्थन किया। सहकार भारती के राज्य महासचिव डॉ प्रवीण जादौन ने कहा कि उन देशों में सताए गए हिंदू, सिख, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थी शिविरों में नारकीय जीवन जी रहे थे, लेकिन अब उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। ‘
डॉ प्रवीण जादौन ने कहा कि सहकार भारती सहकारी आंदोलन के लिए प्रतिबद्ध है और देश में सहकारी समितियों के समक्ष कई समस्याओं के समाधान के लिए पिछले साल से गंभीर प्रयास किए हैं।
पंजाब से आई एक खबर के मुताबिक, “सहकार भारती स्थापना दिवस के अवसर पर, सरस्वती एसएचजी, होशियारपुर ने कई स्थानों पर वृक्षारोपण किया। बाद में, सहकार भारती के जिला प्रमुख एडवोकेट अनिल सूद की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें सहकार भारती के सदस्यों ने जोरदार तरीके से भाग लिया।
जालोर, राजस्थान में सहकार भारती के कार्यकर्ताओं ने एक समारोह का आयोजन किया, जिसमें जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग, गीता पटेल और कुछ अन्य लोगों ने भाग लिया।
सहकार भारती के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में संरक्षक ज्योतिंद्रभाई मेहता ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा, “हमें गर्व है, सहकार भारती स्थापना दिवस के अवसर पर”।
11 जनवरी, 1978 को स्थापित, सहकार भारती ने गत शनिवार को अपने अस्तित्व के 41 साल पूरे किये। सहकार भारती की स्थापना दिवंगत लक्ष्मणराव इनामदार ने पुणे में सहकारी आंदोलन के लाभों के बारे में जनता को बताने के उद्देश्य से की थी।
गौरतलब है कि सहकार भारती ने 2017 में दिल्ली के विज्ञान भवन में लक्ष्मण राव इनामदार शताब्दी वर्ष मनाया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था। मोदी इनामदार को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।