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नेपाल: शीर्ष संस्था एनसीएफ़ में उथल-पुथल; कदेल ने बादल को पछाड़ा

“नेशनल कोऑपरेटिव फेडरेशन ऑफ नेपाल” (एनसीएफ़की 27वीं आम सभा का आयोजन 10 जनवरी 2020 को नेपाल के ललितपुर में एनसीएफ़ बिल्डिंग परिसर में किया गया जहां राज कदेल के नेतृत्व में नये निदेशक मंडल और खाता पर्यवेक्षक समिति के सदस्यों को चुना गया।

कदेल को नए अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया। उन्होंने कहा, “यह एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि अवसर और चुनौतियां देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए हमारा आह्वान कर रही हैं। नेपाल के सहकारी आंदोलन का विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी”।

कदेल ने केशव प्रसाद बादल की जगह ली हैजो पिछले नौ वर्षों से संगठन का नेतृत्व कर रहे थे। बादल भारत में भी परिचित चेहरा हैंजहां वह अक्सर सहकारी समारोह में भाग लेने के लिए आते रहे हैं। उनके नेतृत्व के दौरान एनसीएफ अपने संस्थागतकरण और विकास के संदर्भ में नेपाल के सहकारी आंदोलन का नेतृत्व करने में सफल रहा।

आईसीए बोर्ड की सदस्य सुश्री ओम देवी मल्ला को वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया। अन्य विजेताओं में रमेश प्रसाद पोखरेल को भी सर्वसम्मति से उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया है, इनके अलावा गणेश ढकाल , राम बाबू यादव , डी बी बैसनेटसुश्री  हुमा कुमारी जी सी, राम कृष्ण खंड , सुश्री टीका बुदाथोकी और तारा लामा तमांग को बोर्ड में शामिल किया गया है।

के बी उप्रेती , नारायण देवकोटा और सागर ढकाल को सेंट्रल फेडरेशन/ नेशनल कोऑपरेटिव बैंक की ओर से निदेशक मण्डल में चुना गया। सुश्री अमृता सुब्बा और सुश्री पद्म गुरुंग को महिला कोटा से चुना गया। जबकि खेम बहादुर पाठक, भीम तुलचन, टेक प्रसाद चौलगैन, राजेंद्र पौडेललक्षमण यादव , शिव डांगी और लक्ष्मी प्रसाद शर्मा ओपन कोटे से चुने गए।

धर्म दत्त देवकोटा को निर्विरोध अकाउंट सुपरवाइजरी कमेटी का संयोजक चुना गया। देवकोटा के साथसोम बहादुर श्रेष्ठ और सुश्री बाल कुमारी बिमला श्रेष्ठ को खाता पर्यवेक्षक समिति सदस्य के रूप में चुना गया।

नेपाल में 265 वैध राष्ट्रीय प्रतिनिधियों में से, 249 प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक मतदान प्रक्रिया में भाग लिया।

चुनाव समिति ने परिणाम घोषित किया और प्रमाणपत्र प्रदान किया। इसके बाद चुने गए नेताओं ने शपथ ली।

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