अनियमित जमा योजना पर प्रतिबंध अधिनियम, 2019 के तहत, केंद्रीय रजिस्टर ने सभी बहु-राज्य सहकारी समितियों को पत्र जारी कर कहा है कि नई शाखा खोलने या व्यवसाय का विस्तार करने के लिए केंद्रीय रजिस्ट्रार से पहले अनुमति लें।
देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बहु राज्य सहकारी समितियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को संबोधित पत्र में, समितियों को नई शाखा खोलने के उद्देश्य से सहकारिता विभाग को कुछ दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है।
पत्र में उक्त अधिनियम का उद्धरण है और कहा गया है की बहु राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 की धारा 67(1) में संशोधन किया गया है। अब एक बहु-राज्य सहकारी समिति मतदाता सदस्यों के अलावा अन्य व्यक्तियों से जमा प्राप्त करने की हकदार नहीं होगी।
अतः उन बहु राज्य सहकारी समितियों, जो शाखा खोलने के लिए इच्छुक हैं, को निम्नलिखित दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिए अनुरोध करना होगा:
दस्तावेजों में शामिल हैं:-
1) नई शाखा खोलने का कारण बताना होगा;
2) समिति द्वारा एक घोषणा कि जमाकर्ताओं/सदस्यों सहित अन्य को जमा के भुगतान न करने के संबंध में समिति के खिलाफ कोई शिकायत या अनियमितता नहीं होनी चाहिए।
3) इस संबंध में समिति के सामान्य निकाय की एजीएम/विशेष आम बैठक में पारित किया गया एक प्रस्ताव होना चाहिए;
4) पिछले 3 वर्षों से नियमित और साधारण सदस्यों की कुल संख्या का राज्यनुसार विवरण;
5) पिछले 3 वर्षों के लिए नियमित और सामान्य सदस्यों द्वारा अलग से समिति द्वारा एकत्र कुल शाखा-वार जमा;
6) पिछले 3 वर्षों से इन शाखाओं द्वारा किए गए व्यवसाय के विवरण के साथ-साथ शाखाओं की कुल संख्या और उनके पते;
7) पिछले 3 वर्षों से सदस्यों से एकत्र जमा राशि के निवेश के बारे में विवरण;
8) समिति लाभ में है या हानि में;
9) पिछले 3 वर्षों के खातों का लेखा परीक्षित विवरण;
10) वर्तमान और पिछले 2 बोर्ड के चुनाव कराने की तारीख; प्रस्ताव के साथ-साथ रिटर्निंग ऑफिसर की विस्तृत कार्यवाही संलग्न करें;
11) पिछले 3 वर्षों की वार्षिक सामान्य निकाय की बैठक से संबंधित तारीखें और दस्तावेज;
12) एमएससी अधिनियम, 2002 धारा 120 के तहत पिछले 3 वर्षों के रिटर्न की प्रतियां;
13) संबन्धित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (आरसीएस) का एक प्रमाण पत्र, कि समिति मतदाता सदस्यों के अलावा अन्य किसी व्यक्ति से जमा स्वीकार नहीं कर रही है।