अमूल के एमडी आर एस सोढ़ी ने स्वस्थ भारत के लिए सहकारी क्षेत्र और पशुपालकों की डेयरियों के लिए एक नये दृष्टिकोण की वकालत की है। उन्होंने आगामी बजट के संबंध में यह बात कही।
सोढ़ी के ट्वीट को सोशल मीडिया पर भारी समर्थन मिला है जहां लोग निर्मला सीतारमण से केंद्रीय बजट में समस्या का समाधान करने का आग्रह कर रहे हैं।
सोढ़ी ने अपने एक ट्वीट में कहा कि सरकार को डेयरी क्षेत्र के निरंतर संकट को कम करने के लिए नई नीतियों को लागू करना चाहिए।उन्होंने उन लोगों के ट्वीट को रीट्वीट किया है जिन्होंने अपने विचारों के साथ अपनी सहमति भी व्यक्त की है।
सोढ़ी ने एक अखबार की खबर का हवाला देते हुये कहा कि सरकार को ऐसी नीतियां लानी चाहिए जो डेयरी क्षेत्र के विकास में सकारात्मक प्रभाव डाले और दूध सहकारी समितियों को उनकी वर्तमान कठिनाइयों को दूर करने में मदद कर सकें।
संगठित और अनौपचारिक क्षेत्रों से जुड़े लगभग 2 करोड़ लोग डेयरी उद्योग में रोजगार प्राप्त करते हैं। कहने का मतलब यह है कि 60 करोड़ लोग अपनी आजीविका के लिए दुग्ध क्षेत्र पर निर्भर हैं।
दूध की कीमतों में लगातार गिरावट से बड़ी संख्या में दुग्ध उत्पादक डेयरी क्षेत्र से बाहर हो सकते हैं और इस तरह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को झटका लगा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को उनकी उपज के लिए लाभप्रद मूल्य प्रदान करने की आवश्यकता है और सरकार को डेयरी क्षेत्र के लिए पर्याप्त बजटीय प्रावधान सुनिश्चित करना चाहिए।