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सीबीआई मामला: एनसीसीएफ पूर्व अध्यक्ष का बात करने से इनकार

अडानी ग्रुप को अनुचित लाभ देने के संबंध में दायर मामले पर प्रतिक्रिया देते हुएउपभोक्ता सहकारी समितियों की शीर्ष संस्था एनसीसीएफ के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने मीडिया से बात करने से इनकार किया है।

सिंह ने कहा, “फिलहाल जांच चल रही है और मैं इस विषय पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा”। सिंह अभी तक दिल्ली में आयोजित सहकारी सम्मेलनों में भाग लेते रहे हैं।

जब इस संवाददाता ने सीबीआई मामले पर प्रतिक्रियाएं साझा करने पर जोर दियातो उन्होंने फोन काट दिया।

पाठकों को याद होगा कि अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी इंटरप्राइजेस लिमिटेड पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला 2010 में आयात किए गए कोयले की सप्लाई के ठेके को लेकर दर्ज किया गया है। कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। सीबीआई की एफआईआर में अडानी इंटरप्राइजेस लिमिटेड के साथ-साथ एनसीसीएफ के तीन शीर्ष अधिकारियों के नाम भी दर्ज है। अधिकारियों पर कथित भ्रष्टाचार को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है।

सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉर्पोरेशन को आयातित कोयले की आपूर्ति करने के ठेके में भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है। सीबीआई के मुताबिक अडानी इंटरप्राइजेस को न सिर्फ टेंडर की शर्तों का उल्लंघन करके ठेका दिया गया था, बल्कि एनसीसीएफ के अधिकारियों ने दूसरी कंपनियों द्वारा लगाई गई कीमत की जानकारी भी अडानी ग्रुप तक पहुंचाई।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद बुधवार (15 जनवरी) को इस मामले में एफआईआर दर्ज की। जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों और आईपीसी की धाराओं के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों में दर्ज इस मामले में अडानी एंटरप्राइजेज, एनसीसीएफ के तत्कालीन चेयरमैन विरेंदर सिंह और तत्कालीन प्रबंध निदेशक जीपी गुप्ता और तत्कालीन वरिष्ठ सलाहकार एससी सिंघल को नामजद किया है।

एफआईआर में कहा गया है, “एनसीसीएफ ने छह कंपनियों – अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेडमाहेश्वरी ब्रदर्स कोल लिमिटेड (एमबीसीएल)व्योम ट्रेड लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड, स्वर्ण प्रोजेक्ट्स प्रा. लिमिटेडगुप्ता कोल इंडिया लिमिटेड और क्योरी ओरेमेन लिमिटेड से बोलियां प्राप्त कीं।

इस बीचअदानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि कंपनी ने कोयले की आपूर्ति में कुछ भी गलत नहीं किया है। यह केवल प्रारंभिक जांच रिपोर्ट है। अडानी के प्रवक्ता के अनुसार, “कंपनी उसका जवाब देगी और प्राधिकरण को तथ्यात्मक स्थिति भी बताएगी”।

 

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