जैसा कि हमने पहले प्रकाशित किया था कि मध्य प्रदेश सरकार राज्य के जिला सहकारी बैंकों में गैर सरकारी प्रशासकों की नियुक्ति की तैयार कर रही है और इस कड़ी में राज्य के सहकारिता विभाग ने कांग्रेस नेता वीरेंद्र सिंह को शाजापुर जिला सहकारी बैंक में प्रशासक के रूप में नियुक्त किया है।
सिंह पहले बैंक के बोर्ड में सदस्य थे और वर्तमान में शाजापुर मार्केटिंग सोसाइटी के अध्यक्ष हैं। आदेश के मुताबिक, सिंह ने बैंक में प्रशासक के रूप में कार्यभार संभाला लिया है।
हालाँकि, कांग्रेस पार्टी हलकों में शिकायत है कि सिंह ने पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार किया था। शिकायतों को देखते हुये निर्णय लिया गया है कि डीसीसीबी बैंकों में एक-साथ नियुक्तियां की जाएंगी।
संगठन स्तर पर आपत्तियों के बाद कुछ दिनों के लिए नियुक्तियां रोक दी गई थी, लेकिन वीरेंद्र सिंह को हाल ही में गुप्त रूप से प्रशासक बनाया गया।
एपेक्स बैंक द्वारा तैयार प्रशासकों के रूप में नियुक्ति के लिए जिलों के सहकारी नेताओं की एक सूची राज्य सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह को भेजी गई थी।
इस बीच, यह कहा जाता है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सहकारिता से जुड़े मामलों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और उन्होंने राज्य के सहकारिता मंत्री से नामों को जल्दी अंतिम रूप देने को कहा है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एक महीने के भीतर सभी बैंकों में प्रशासक नियुक्त कर दिए जाएंगे।
इसके बीच, जानकारों का मानना है कि सहकारी बैंकों के चुनाव जल्द होने की संभावना नहीं है। बैंकों के सामान्य कामकाज के लिए प्रशासकों की नियुक्ति की जा रही है।
एपेक्स बैंक द्वारा बालाघाट , छिंदवाड़ा , बैतूल , भिंड , दमोह डीसीसीबी और कुछ अन्य में प्रशासक पहले ही नियुक्त किये जा चुके हैं।
कांग्रेस सरकार अपने लोगों को अन्य सहकारी समितियों में जिला स्तर पर समायोजित करने की योजना बना रही है। राज्य में 4800 से अधिक पैक्स हैं और सरकार इन समितियों में भी प्रशासक नियुक्त करने की योजना बना रही है।