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सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई ने सहकारी क्षेत्र को भी कॉरपोरेट क्षेत्र की तर्ज पर कर में रियायत देने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण का धन्यवाद किया। सहकारी समितियों को भी कॉरपोरेट के बराबर 22 प्रतिशत कर देना होगा।
एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन सत्यनारायण ने कहा कि सहकारी समितियों और कॉरपोरेट्स के बीच कराधान में समानता लाने की तत्काल आवश्यकता थी क्योंकि समाज के गरीब वर्ग के कल्याण में अहम योगदान होने के बावजूद सहकारी समितियों के साथ भेदभाव किया गया।
बैंकों में जमा रकम के बीमा कवरेज को 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक बढ़ाने के लिये भी एनसीयूआई लड़ रहा था। उन्होंने कहा कि लंबे समय से चली आ रही इस मांग की पूर्ति से सहकारी बैंकों के ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
सत्यनारायण ने कहा कि नाबार्ड पुनर्वित्त योजना का विस्तार और वर्ष 2020-21 के लिए कृषि ऋण लक्ष्य 15 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए जाने से सहकारी बैंक और विशेष रूप से पैक्स अपने ऋण परिचालन को बढ़ाने में सक्षम होंगे जिससे गरीबों को और अधिक लाभ होगा।
सीई ने कहा कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन से सहकारी बैंक मजबूत होंगे।
बजट में सहकारी समितियों को बिना किसी छूट/कटौती के 22% + 10% अधिभार और 4% उपकर देना होगा।
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय बजट में सहकारी समितियों को वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी) से छूट दी गई है, जैसे कंपनियों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) से छूट दी गई है।
इस कदम का सभी राज्यों के सहकरी नेताओं ने स्वागत किया है।