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एक अनौपचारिक चर्चा में एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक सुदीप नायक ने कहा कि एनसीडीसी 5000 पैक्स समितियों को प्रशिक्षित करने के लक्ष्य के पास है। बता दे कि एनसीडीसी ने पिछले साल 5000 पैक्स समितियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा था।
इससे जुड़ी जानकारी साझा करते हुए नायक ने कहा कि एनसीडीसी पूरे देश में अपने अधिकारियों के माध्यम से 3008 प्राथमिक सहकारी समितियों से संपर्क साधने में सक्षम हुई है। नायक ने कहा, “हमने 5000 पैक्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया था और शेष समितियों को प्रशिक्षित करने के लिए हमारे पास अभी भी दो महीने का समय है”।
इस बीच एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक ने महसूस किया कि ग्रामीण भारत के तेजी से विकास के लिए प्राथमिक सहकारी समितियों की ताकत का उपयोग करने की आवश्यकता है”।
नायक ने आगे कहा कि, “स्थिति को प्रभावी ढंग से मॉनिटर करने के लिए एनसीडीसी ने एक पोर्टल विकसित किया है, जो सभी कोणों से सुरक्षित है। पोर्टल पर प्रशिक्षण का विवरण, समितियों के नाम और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने वाले अधिकारियों के नाम संबंधित व्यक्तियों द्वारा पोस्ट किये गये हैं। “इस तरह से हम न केवल एक आंतरिक डेटाबेस विकसित किया है, बल्कि यह भी जानते हैं कि प्रशिक्षण कैसे चलता है“। नायक ने कहा कि तस्वीरों को भी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
अपनी टीम को प्राथमिक सहकारी समितियों में भेजने से पहले हमने उन्हें ट्रेन किया है, एमडी ने कहा। उन्होंने कहा, ”उन्हें ओरिएंटेशन कोर्स दिया गया था जहाँ उन्हें एसओपी सिखाया गया।
नायक ने कहा, “अगले हफ्ते से मैं इन प्राथमिक सहकारी समितियों के सदस्यों को व्यक्तिगत रूप से फोन करने की योजना बना रहा हूँ”। “इस तरह के फोन कॉल और उनके साथ बातचीत हमारे प्रयासों को प्रभावकारी बनाएगी और फीडबैक के आधार पर उस में सुधार लाया जा सकता है”।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अप्रैल 2019 में गुरुग्राम में एनसीडीसी के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण केंद्र ‘लिनाक’ में “रिवाइटलिंग प्राइमरी को-ऑपरेटिव्स” की थीम पर एक कार्यशाला के साथ प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया था।
इस मौके पर आरबीआई के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य और एक प्रसिद्ध सहकारी नेता सतीश मराठे ने समापन भाषण दिया था। कार्यक्रम में देश-भर से एनसीडीसी के कई कर्मचारियों ने भाग लिया था। कार्यशाला का उद्देश्य प्राथमिक स्तर के को-ऑप्स के समक्ष चुनौतियों से निपटना था।