23 फरवरी को पटना के बापू सभागार में एनसीयूआई के अध्यक्ष डॉ चंद्रपाल सिंह अपने ओजपूर्ण भाषण के लिये चर्चा का केंद्र बन गये। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस सहकारी सम्मेलन का उद्घाटन किया था।
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुये एनसीयूआई के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि किसानों की मदद करने के लिए नीतीश कुमार हमेशा तैयार रहते हैं और सहकारी क्षेत्र की ओर से मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूँ कि किसानों की स्थिति को सुधारने में सहकारी समितियां उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगी।
राज्य भर में पैक्स को मजबूत बनाने के लिए सीएम की सराहना करते हुए चंद्र पाल ने सहकारिता को स्कूलों में एक विषय के रूप में शामिल करने का आग्रह किया ताकि अधिक से अधिक युवा सहकारी आंदोलन से जुड़ सके।
“सहकारी समितियां किसानों की आय दोगुनी करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। आंदोलन को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। चंद्रपाल ने कहा कि यदि आंदोलन को और आगे बढ़ाना है तो सभी राज्यों में इस तरह के सहकारी सम्मेलन के आयोजन करने की आवश्यकता है ।
केंद्रीय कृषि और सहकारिता मंत्री के रूप में नीतिश के कार्यकाल को याद करते हुए चंद्रपाल ने कहा कि उन्होंने सहकारी क्षेत्र में अधिक स्वायत्तता का बराबर समर्थन किया और इस क्षेत्र से संबंधित लोगों को कभी निराश नहीं किया।
मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुये यादव ने कहा कि आप जहां हमें छोड़ कर गये थे वहां से हम काफी आगे बढ़ गये हैं और आपको यह जानकर खुशी होगी कि आज कृभको और इफको जैसी सहकारी समितियां बहुराष्ट्रीय कंपनियों से प्रतिस्पर्धा कर रही है”।
अभूतपूर्व संख्या में उपस्थित सहकारी नेताओं की ओर इशारा करते हुए, एनसीयूआई अध्यक्ष ने कहा कि स्वायत्तता अपने साथ जिम्मेदारी का भाव लेकर आती है। उन्होंने कहा, “सहकारी समितियों और उनके नेताओं को पारदर्शी तरीके से कार्य करना चाहिए और निष्कपट रहना चाहिए ताकि कोई भी उनपर उंगली न उठा सके”, उन्होंने रेखांकित किया।