इफको के उपाध्यक्ष दिलीपभाई संघानी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके संसदीय कार्यालय में मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने इफको के नैनो उत्पादों के बारे में बताया और पीएम से इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए उनका समर्थन मांगा।
संघानी की बातों को गंभीरता से लेते हुये मोदी ने अपने पीएस राजीव टोपनो से इस विषय पर रिपोर्ट एकत्र करने को कहा।
संघनी ने बैठक के तुरंत बाद “भारतीयसहकारिता” से बात करते हुए कहा कि, “इस बैठक में मेरे और प्रधानमंत्री के अलावा सिर्फ मेरी पत्नी उपस्थित थी। मैंने इस मौके पर पीएम के समक्ष अपने छोटे भाई द्वारा नैनो उर्वरकों के उपयोग पर अपने व्यक्तिगत अनुभव के बारे में बताया और कहा कि किसान इसका बड़े पैमाने पर प्रयोग कर रहे हैं”।
नरेंद्र मोदी के साथ पारिवारिक संबंध निभाने वाले संघानी ने एक साल पहले पीएम को नैनो उर्वरकों के बारे में जानकारी दी थी। “आपको सच बताऊँ, प्रधानमंत्री सभी चीजों पर बारीकी से नजर रखते हैं। एक साल पहले मैंने नैनो उर्वरकों पर उनके साथ चर्चा की थी। उसके बाद उन्होंने जानकारी इकट्ठा करने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री मनसुखभाई मांडविया को भेजा था”, संघानी ने बताया।
“सौभाग्य से मांडविया द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट उत्साहजनक हैं और हम आशा करते हैं कि केंद्र सरकार नैनो उर्वरकों का पुरजोर समर्थन करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इफको की पहल का भी समर्थन किया”, संघानी ने बैठक का ब्योरा साझा करते हुए कहा।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी बैठक में संघानी ने उन्हें पूरे देश में इफको द्वारा किए जा रहे 11000 फील्ड ट्रायल का भी विवरण दिया।
बाद में संघानी ने इफको मुख्यालय का दौरा किया और बैठक के बारे में संस्था के एमडी डॉ यूएस अवस्थी को जानकारी दी। संघानी यह भी चाहते थे कि इफको उन रिपोर्टों को तैयार करे जिन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय को जल्द से जल्द भेजा जाना है।
इससे पहले, संघानी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और मई में गुजरात के कलोल में इफको की मातृ इकाई में एक नैनो उर्वरक संयंत्र के उद्घाटन के लिए उनका समय मांगा था।
कलोल यूनिट में इफको नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) में स्वदेशी रूप से नैनो उत्पादों को बनाया गया है । हाल ही में, इफको ने अपनी आंवला इकाई में एक और नैनो लैब शुरू की।
यह कहा जा रहा है कि इन नैनो- संरचित योगों से पारंपरिक नाइट्रोजन रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता में 50% की कमी आएगी, स्थायी रूप से पौधों को पर्यावरण के अनुकूल पोषण प्रदान किया जा सकेगा और नैनो उत्पाद किसानों को कम लागत पर उपलब्ध होगा।
इफको के नैनो उर्वरकों का क्षेत्र परीक्षण मीडिया की सुर्खियां बोटर रहा है। इफको के एमडी इसका मोर्चा संभाले हुए हैं। वह देश-भर से इसके सफल परीक्षणों की कहानियों और वीडियो को पोस्ट करते रहते हैं। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यदि यह उत्पाद फील्ड ट्रायल में सफल होते हैं तो यह भारतीय कृषि के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं।