नेशनल सेंटर फॉर कॉपरेटिव एजुकेशन (एनसीसीई) ने हाल ही में नई दिल्ली में मत्स्य सहकारी समितियों के अध्यक्ष और निदेशकों के लिए तीन दिवसीय नेतृत्व विकास कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उनके प्रबंधकीय कौशल को विकसित करना था।
कार्यक्रम में तेलंगाना, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा जैसे विभिन्न राज्यों के 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रतिभागियों को अपने संगठनों से संबंधित मुद्दों पर बातचीत और चर्चा करने के लिए मंच प्रदान किया गया था।
मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न विषयों को प्रशिक्षण मॉड्यूल में शामिल किया गया और इन विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
एनसीयूआई के निदेशक वी के दुबे ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि मत्स्य-पालन क्षेत्र पारिश्रमिक मूल्यों पर गुणवत्तापूर्ण मछली भोजन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और सुझाव दिया कि प्रत्येक समिति को आगामी वर्षों के लिए एक व्यवसाय योजना बनानी चाहिए और इसकी समीक्षा करते रहना चाहिए।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान फिशकोफेड के प्रबंध निदेशक बी के मिश्रा ने मत्स्य सहकारी समितियों के विकास में फिशकोपेड की भूमिका को रेखांकित किया।
विशेषज्ञों और संकाय सदस्यों ने मछली पालन के लिए मछुआ सहकारी समितियों और अभिनव तरीकों की योजनाओं पर विचार-विमर्श किया। सहकारी सिद्धांत और मूल्य, गुण और प्रभावी नेतृत्व के कार्य, सहकारी नेताओं के प्रकार और शैली जैसे विषय भी कार्यक्रम का पार्ट थे।
प्रशिक्षण के दौरान मत्स्य पालन सहकारी समितियों के लिए बीमा योजना, सहकारी कानून और प्रबंधन, मछली पालन में आधुनिक तकनीक, आदि जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
एनसीसीई के सहायक निदेशक प्रियांक सिंह ने कार्यक्रम का समन्वयन किया।