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फैक्ट्री है चालू लेकिन मुख्यालय है बंद : कृभको एमडी

कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिये कृभको ने नोएडा स्थित अपने मुख्यालय को बंद कर दिया है।

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुये कृभको के प्रबंध निदेशक राजन चौधरी ने कहा, मुख्यालय को बंद करने के अलावा हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है और हमने 23 मार्च को अपने कॉर्पोरेट कार्यालय को बंद कर दिया”।

उन्होंने आगे कहा कि कृभको के कई कर्मचारी दिल्ली से आते हैं और सीमा बंदी के कारण आने जाने में उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

इसके अलावा, कृभको की फैक्ट्री न्यूनतम स्टाफ-सदस्यों के साथ चालू है। पाठकों को याद होगा कि राजन ने हाल ही में एमडी के रूप में पदभार संभाला है और एक अभूतपूर्व स्थिति के कारण शायद उनके सामने यह पहली चुनौती है जो उर्वरक से संबंधित नहीं है।

राजन ने कहा कि सरकार ने यूरिया को एक आवश्यक वस्तु माना है लेकिन वस्तुओं की आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वे अपनी टीम के साथ दैनिक आधार पर स्थिति का जायजा ले रहे हैं उन्होंने आगे कहा कि जहाँ कहीं भी कृभको का  सामान अनलोड किया जाता हैवहाँ उन्होने  अच्छा प्रबंध किया हुआ है।

पाठकों को याद होगा कि भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच पूरे देश में 14 अप्रैल तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 600 के पार हो गई है।

यात्रामॉलथिएटर और शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह प्रभावित है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे आर्थिक गतिविधियों में भारी गिरावट आएगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि महामारी ने अर्थव्यवस्था को एक ऐसे समय में प्रभावित किया है जब विकास-दर  एक दशक में न्यूनतम स्तर पर है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा था कि महामारी से उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए “कोविद-19 आर्थिक प्रतिक्रिया कार्य बल का गठन करने का निर्णय लिया गया है। इस बीचवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले कोविद –19 के प्रभाव का आकलन करने की प्रक्रिया में है।

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