उर्वरक सहकारी संस्था इफको ने लॉकडाउन के दौरान कृषि श्रमिकों के साथ-साथ उर्वरकों, कीटनाशकों और बीजों के विनिर्माण इकाइयों को छूट देने के लिये केंद्रीय सरकार के निर्णय का स्वागत किया है।
“लॉक डाउन” के दौरान सरकार द्वारा खेती के कार्यों की अनुमति दिये जाने पर किसानों को बड़ी राहत मिली है।
सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुये इफको के एम डी डॉ यू एस अवस्थी ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि, “इफको भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन अवधि के दौरान उर्वरक इकाइयों और दुकानों, मंडियों, खरीद, फार्म सहकारी, एग्री मशीनरी हायरिंग और राज्य के बाहर-भीतर खेत के औजार की आवाजाही संबंधी कामकाज की अनुमति देने के निर्णय का स्वागत करता है।”
हालांकि सरकार ने उर्वरकों के विनिर्माण और पैकेजिंग की अनुमति दी है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों के लिए मुख्य चुनौती श्रमिकों की कमी के कारण संबंधित स्थानों पर माल उतारने की है। एक तो देश के कई हिस्सों से अधिकांश श्रमिक देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर अपने-अपने कस्बों में चले गए हैं और दूसरा, जो श्रमिक बचे हैं वे पुलिस से डरते हैं।
उर्वरक कंपनियों की कई इकाइयाँ वर्तमान में कम कर्मचारियों के साथ अपने संयंत्रों का संचालन कर रही हैं। इफको के एचआर हेड आर पी सिंह का कहना है कि भंडारण कम होने और तैयार माल की उतराई बंद होने के कारण उत्पादन कम हुआ है।
इस तथ्य को देखते हुए कि धान का मौसम आने वाला है, केंद्रीय सरकार द्वारा खेती से संबंधित सभी क्षेत्रों में निर्णय लिया गया है। अद्यतन निर्देश के अनुसार, सरकार ने मंडियों, खरीद एजेंसियों, कृषि कार्यों, कृषि मशीनरी रखने वाले केंद्रों के साथ-साथ कृषि उपकरणों के अंतर-राज्य आवागम को भी छूट दी है।
उर्वरक दुकानों और फार्म मशीनरी के कस्टम हायरिंग केंद्रों को भी लॉकडाउन अवधि के दौरान काम करने की अनुमति दी गई है।
गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के लिए जारी गाइडलाइन में कई अतिरिक्त छूट दी है।