नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने देश के विभिन्न राज्यों में स्थित 1500 से अधिक शहरी सहकारी बैंकों से अपने मुनाफे का 2 प्रतिशत योगदान पीएम केयर फंड में देने को कहा है।
इन बैंकों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशकों को एक पत्र लिखकर मेहता ने कहा, “नेफकॉब, देश के सभी शहरी सहकारी बैंकों से अनुरोध करता है कि वे पिछले वर्ष के अपने शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत पीएम केयर फंड में दान दें।”
इसके अलावा, नेफकॉब के अध्यक्ष ने वित्त मंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से पीएम केयर्स फंड में दान पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80G के तहत 100 फीसदी टैक्स छूट देने और समय सीमा बढ़ाने की भी मांग की थी। सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर पीएम केयर फंड में दिये गये योगदान पर 100% इनकम टैक्स छूट देने का फैसला किया और समय सीम को बढ़ाया।
मेहता ने अपने पत्र में, पीएम केयर फंड का बैंक विवरण भी दिया और यूसीबी को सीधे दान देने और नेफकॉब को रसीदें भेजने को कहा ताकि सरकार को अवगत कराया जाये कि कोरोना वायरस से लड़ने में अर्बन कॉपरेटिव बैंकिंग सेक्टर ने अपनी क्या भूमिका निभाई है।
पत्र के मुताबिक, “कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया के लगभग सभी देश प्रभावित हो रहे हैं। यहाँ तक कि दुनिया के सबसे विकसित और संसाधन संपन्न देश भी इसके प्रभाव में हैं। भारत में इस वायरस से निपटने के लिए हम खुद को तैयार कर रहे हैं और सरकार वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए सभी उपाय कर रही है। देश के सामने जो चिकित्सा और आर्थिक चुनौतियाँ हैं, उनसे निपटने के लिए सरकार के पास संसाधन अपर्याप्त हैं”, मेहता ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि इस कठिन समय में यह हम सभी का कर्तव्य बनता है कि जो भी हमसे संभव है, उसका योगदान देकर सरकार के संसाधनों को बढ़ायें।
नेफकॉब अध्यक्ष ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 की समाप्ति और वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत का समय दान देने के लिये एक अच्छा मौका है।
आरबीआई पीएम राहत कोष में शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत तक के योगदान देने की अनुमति देता है।
“हम यह भी समझते हैं कि बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारी पीएम केयर्स फंड में न्यूनतम एक दिन का वेतन दान करने के लिए उत्सुक हैं। हम सभी शहरी बैंकों से यह सुनिश्चित करने के लिए अनुरोध करते हैं कि इस नेक काम में उनके कर्मचारियों की भागीदारी की भावना को सम्मान देते हुए, स्वैच्छिक योगदान की राशि को एकत्र करने और पीएम केयर्स फंड में भेजने की व्यवस्था की जाए”, उन्होंने रेखांकित किया।
सभी बैंकों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे पीएम केयर फंड को दिए गए योगदान का विवरण नेफकॉब को भेजें ताकि यूसीबी सेक्टर द्वारा दिये गये योगदान को बताया जाये, मेहता ने कहा।