संकट की इस घड़ी में न केवल बड़ी सहकारी समितियां जरूरतमंदों की मदद के लिए बढ़-चढ़कर आगे आ रही हैं बल्कि छोटी सहकारी समितियां भी अपनी भूमिका निभाने में सक्रिय हैं।
मुंबई स्थित क्रेडिट सहकारी समिति- ‘धारावी सहकारी पटपेढ़ी मर्यादित’ अपने उधारकर्ताओं से दो महीनों के ब्याज के साथ-साथ मूल राशि भी एकत्र नहीं करेगी।
“भारतीयसहकारिता” संवाददाता के साथ बातचीत में बैंक के अध्यक्ष एडवोकेट प्रदीप कदम ने कहा, “हमारी संस्था के साथ ज्यादातर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग जुड़े हैं जिन्होंने संस्था से व्यवसाय शुरू करने या शिक्षा के लिए ऋण लिया है। जैसा कि हम जानते हैं, सभी व्यवसाय बंद हैं और कोई कमाई नहीं हुई इसलिए संस्था ने अपने उधारकर्ताओं को राहत देने का फैसला किया है।
“इस बीच हमने अपने कलेक्शन एजेंटों को दो महीने के लिए उधारकर्ताओं से बकाया राशि नहीं इकट्ठा करने का निर्देश दिया है जो झुग्गी वासियों के लिये बड़ी राहत होगी”, कदम ने कहा।
उन्होंने आगे कहा, “लगभग 2500 महिला समूहों ने समिति से ऋण लिया है और 8 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है जिसे उधारकर्ताओं से वसूला जाना है।
इसके अलावा, समिति जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न, चावल, दाल सहित अन्य चीजें उपलब्ध कराने में भी सक्रिय है।
संस्था की स्थापना 1986 में 250 सदस्यों के साथ 36 हजार रुपये के व्यापार मिश्रण के साथ हुयी थी। वर्तमान में संस्था का 35 करोड़ रुपये का कुल कारोबार है।