सहकारी क्षेत्र ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब देश कोविद-19 जैसे राष्ट्रीय आपातकाल से प्रभावित है, तो लोगों की मदद करने में यह क्षेत्र भी पीछे नहीं हट रहा। इस संदर्भ में नेफकॉब के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने दावा किया कि संकट की इस घड़ी में सहकारी क्षेत्र ने प्रधानमंत्री और सीएम राहत कोष में बढ़-चढ़कर योगदान किया है।
“इस महामारी से लड़ने में सरकारों का समर्थन करने में न केवल इफको और कृभको जैसी बड़ी संस्थाओं ने योगदान दिया है बल्कि छोटे स्तर की थ्रिफ्ट और क्रेडिट समितियों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया है”, नेफकॉब के अध्यक्ष ने रेखांकित किया।
उन्होंने आगे कहा कि, “वैश्विक महामारी कोविद-19 ने विश्व के लगभग सभी देशों को प्रभावित किया है। यहां तक कि सबसे विकसित और उन्नत देश भी इसके प्रभाव में हैं। भारत में भी वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार सभी उपाय कर रही है और हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम इस महामारी से निपटने के लिये सरकार की हर संभव मदद करें”।
ज्योतिंद्र मेहता ने इससे पहले देश में स्थित सभी शहरी सहकारी बैंकों को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने बैंकों से आग्रह किया था कि राहत कोष में वे अपने शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत योगदान दें।
सहकारी क्षेत्र के विभिन्न संस्थानों द्वारा दिये गये योगदान की सूची नीचे पेश की गई है।
सूची इस प्रकार है:
(Disclaimer : Indian Cooperative claims no first hand knowledge; the list has been made available by Nafcub.)