जब “भारतीयसहकारिता” ने अमूल के एमडी आरएस सोढ़ी को लॉकडाउन चरण में घर से काम करते हुए उनका एक चित्र भेजने के लिए कहा, तो सोढ़ी फोन पर जोर से हंसने लगे और कहा “हम कार्यालय से काम कर रहे हैं”।
और अब अमूल के मिल्क टैंकरों के ड्राइवर बता रहे हैं कि वे लोगों की जरूरतों को कैसे पूरा कर रहे हैं ताकि लोगों को दूध मिलने में कोई दिक्कत न हो। अमूल ड्राइवरों का कहना है, “एक सैनिक कभी लड़ाई के मैदान को छोड़कर नहीं भागता क्योंकि गोलियां बरस रही हैं”।
ठीक इसी तरह अमूल ब्रांड नाम से बिक्री करने वाली कंपनी गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती क्योंकि इसे हर सुबह हजारों शहरों में दूध की आपूर्ति करानी पड़ती है। दूध टैंकरों के ड्राइवर लोगों को आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए हर दिन सैकड़ों किलोमीटर तक ड्राइव करते हैं। वे मानवता के साथ-साथ सहकारी मॉडल में विश्वास जगाते हैं!, सोढ़ी ने कहा।
दैनिक कार्यों का विवरण देते हुए, सोढ़ी ने आगे कहा कि लगभग 5000 दूध टैंकर चालक हैं जो हर दिन 400 लाख लीटर से अधिक दूध शहरों में पहुंचा रहे हैं।
ये चालक 18,700 गावों की सहकारी समितियों से दूध एकत्र करते हैं और उन्हें देश भर में फैले 80 डेयरी संयंत्रों में लेकर जाते हैं।
उन्होंने कहा, “वे भारत के 1000 शहरों और कस्बों में दूध और डेयरी उत्पाद लेकर जाते हैं। वे भारत की दूध आपूर्ति श्रृंखला की रीढ़ हैं। अमूल में हम अपने नायकों को सलाम करते हैं”। ट्रक ड्राइवरों का धन्यवाद करने के लिये अमूल ने एक लघु फिल्म बनाई है।
इस बीच, उनकी सराहना करते हुए सोशल मीडिया पर एक ने लिखा, “दूध के टैंकर ड्राइवर उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। वे परिवहन के माध्यम से पूरे भारत को दूध उपलब्ध कराते हैं और उनके लिए दिन की शुरुआत दूध से ही होती है”।
गुजरात के आनंद के बाहर काम करने वाले ड्राइवरों में से एक मनोज कुमार यादव का कहना है कि, वह आणंद के बीरार और महाराष्ट्र के पुणे तक हर दिन 3 हजार लीटर दूध पहुंचाता है। रोहित भारद्वाज नाम के एक अन्य व्यक्ति का कहना है कि कैसे वह अपने घरों में खाली बैठे रह सकते हैं जब छोटे बच्चों को हर सुबह दूध की जरूरत होती है।
एक अन्य ड्राइवर हितेश भाई का कहना है, “एक सैनिक के रूप में बुलेट शॉट से डरकर भागना नहीं है, इसलिए हमें लगता है; जब देश को इस कठिन समय में हमारी सेवाओं की आवश्यकता है तो हम लड़खड़ा नहीं सकते”।
हरीश भरोट, ड्राइवरों में से एक ने मास्क, सैनिटाइज़र समेत अन्य सुरक्षा उपकरणों को उपलब्ध कराने के लिये अमूल प्रबंधन का धन्यवाद किया।
पाठकों को याद होगा कि लॉकडाउन की शुरुआत में जब राष्ट्र दूध की आपूर्ति के लिए चिंतित था तब सोढ़ी ने आश्वासन दिया था कि देश में दूध की कोई कमी नहीं होगी।