कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर राजस्थान स्थित संकटग्रस्त सहकारी संस्था-आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़े निवेशकों पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है।
मौजूदा स्थिति में संस्था से जुड़े निवेशकों के लिये जीवन जीना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा, निवेशक संस्था में फंसी अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को वापस पाने के लिये इधर-उधर भटक रहे हैं। इस बीच, उन्होंने सोशल मीडिया पर “सेव दी आदर्श क्रेडिट” नाम से अभियान चलाया है।
निवेशकों ने इस अभियान में सोशल मीडिया के माध्यम से केंद्र सरकार और विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
कई निवेशक केंद्र सरकार से समापक (लिक्विडेटर) को हटाने और क्रेडिट कोऑपरेटिव को विनियमित करने के लिए प्रशासक नियुक्त करने का आग्रह कर रहे हैं। निवेशकों में से एक ने सोशल मीडिया पर लिखा, “प्रिय पीएम सर! कृपया लिक्विडेटर को हटा दीजिये और आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड को विनियमित करने के लिए एक प्रशासक नियुक्त करें, ताकि 21 लाख सदस्यों, 4 लाख सलाहकारों और 4000 कर्मचारियों की जान बचाई जा सके। हम बड़ी मुश्किल में हैं, कृपया हमारी मदद करें”।
एक अन्य ने लिखा, “नरेंद्र मोदी सर! कृपया हमारा भुगतान वापस पाने में हमारी मदद करें। हमारा पैसा पहले से ही आदर्श क्रेडिट में फंसा था। हम आपकी सहायता का इंतजार कर रहे हैं। हम पिछले दो वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कृपया मदद करें और आदर्श क्रेडिट सहकारी सोसायटी को फिर शुरू कराएं। हमारा भविष्य और परिवार दाव पर है”, एक अन्य निवेशक ने लिखा।
निवेशकों में से एक– अखिलेश टैंक ने लिखा, “आदरणीय पीएम साहब! आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के मामलों में ऐसी कार्रवाई करें, जिससे प्रत्येक निवेशक, एजेंट को राहत मिले। लाखों का यह सामूहिक निवेश और दैनिक आय पिछले 2 साल से बंद है।@narendramodi @nsitharaman @AmitShah”।
“प्रधान मंत्री! एक तरफ, वैश्विक महामारी के कारण, जीवन जीना मुश्किल हो गया है, दूसरी ओर, आदर्श क्रेडिट में जमा धन, जो आज कठिन समय में परिवार के काम आता, 2 वर्षों से प्राप्त नहीं हो रहा है, आप लाखों निवेशकों और समाज की आवाज को सुनें और सोसाइटी को विनियमित करने का आदेश दें”, एक और निवेशक ने लिखा।
काफी प्रयास से बावजूद भारतीयसहकारिता आदर्श क्रेडिट सहकारी संस्था के बारे में वर्तमान स्थिति की जानकारी प्राप्त करने में विफल रही।
राजस्थान के सिरोही में आरंभ हुई आदर्श क्रेडिट ने हरियाणा में शाखा खोली और गुजरात के अहमदाबाद में मुख्यालय बनाया था। 70 प्रतिशत से अधिक निवेशक राजस्थान के हैं।
आदर्श क्रेडिट सहकारी के चेयरमैन – मुकेश और उनके परिवार के सदस्यों पर कथित तौर पर पोंजी स्कीम और कई फर्जी कंपनियों को चलाने का आरोप है, जिसमें उन्होंने निवेशकों के 8400 करोड़ रुपये डायवर्ट किए।
आदर्श क्रेडिट सोसाइटी में 8 वर्षों में 20 लाख लोगों ने 14,682 करोड़ रुपये का निवेश किया था।