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सहकार भारती करेगी 1500 जिला स्तरीय सम्मेलन का आयोजन

देश भर में तीस से अधिक राज्य सम्मेलन आयोजित करने की अपनी मूल योजना में असफल रहने के बावजूद, सहकार भारती इस वर्ष “सहकारिता सप्ताह” के आसपास 1500 से अधिक जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित करने के बारे में आश्वस्त है।

“भारतीयसहकारिता” के साथ विवरण को साझा करते हुये सहकार भारती के नेता सतीश मराठे ने कहा, “सहकार भारती का प्राथमिक कृषि सहकारी समिति, डेयरी सहकारी समितियों, मत्स्य पालन, बुनकर और ऋण सहकारी समितियां जैसे छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर जिला स्तरीय बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव है।

“बैठक बहुत बड़ी नहीं होगी और प्रतिभागियों को ज्यादातर संबन्धित जिले से ही बुलाया जाएगा। हम उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश करेंगे और उनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे”, मराठे ने बताया।

इस बीच सहकार भारती के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सहकारी नेताओं ने कहा, मराठे ने जिन सहकारी क्षेत्रों का उल्लेख किया है, वे देश में सहकारी आंदोलन की रीढ़ हैं और उनके मुद्दों को हल करने में मदद करने का कोई भी प्रयास एक बड़ा कदम होगा।

सहकार भारती की देश के 500 से अधिक जिलों में उपस्थिति है और सम्मेलनों की कुल संख्या 1500 से 1800 के बीच हो सकती है, रूपरेखा तैयार करने वाले सहकार भारती के एक कर्मचारी ने कहा।

मराठे ने कहा, “हम जानते हैं कि 14 नवंबर से शुरू होने वाले सहकारी सप्ताह के 7 दिनों के भीतर इतनी बड़ी संख्या में सहकारी सम्मेलन पूरे नहीं किए जा सकते हैं”। उन्होंने कहा कि उनका प्रस्ताव है कि कार्यक्रम एक सप्ताह पहले शुरू करें और को-ऑप वीक के एक सप्ताह बाद समाप्त करें।

सहकार भारती ने वर्ष 2020 के लिए जिन राज्य सम्मेलनों की योजना बनाई थी, उनके बारे में बात करते हुए, मराठे ने कहा, “कोरोना वायरस के मद्दनेजर हमें उनमें से कई सम्मेलनों को स्थगित करना पड़ा और एक नई योजना पर काम किया जा रहा है”।

जुलाई तक बारिश का मौसम आरंभ होने की संभावना है, सहकार भारती ने सितंबर के बाद अगले साल के मध्य तक राज्य सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है। मराठे ने कहा, “चूंकि 30 राज्य सम्मेलन होने जा रहे हैं, हमें सितंबर 2021 तक अपना लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है”।

कोरोना के प्रकोप को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने पहले ही एजीएम आयोजन करने की तारीखों को दिसंबर 2020 तक बढ़ाया है और अन्य राज्यों में भी ऐसा ही होने की संभावना है। एक अधिकारी ने कहा कि सहकारी निकायों के एजीएम में देरी होने की संभावना है, जिससे सहकार भारती को अपने राज्य सम्मेलनों को आराम से पूरा करने में मदद मिलेगी।

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