संकटग्रस्त सहकारी संस्था-आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी” के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सभी हितधारकों का पैसा वापस लौटाने का प्रयास कर रहा है।
तोमर ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित हिंदी अखबार पत्रिका के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, “आदर्श क्रेडिट सहकारी समिति परिसमापन में चली गई है। ऐसी परिस्थितियों में जब परिसमापक नियुक्त किए जाते हैं तो वे नियमों और विनियमों के अनुसार काम करते हैं। सभी को आश्वस्त किया जाता है कि उनका पैसा वापस मिलेगा।केंद्र सभी हितधारकों का पैसा वापस लौटाने का प्रयास कर रहा है।”
इस सवाल का जवाब देते हुए कि सरकार आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशकों को राहत क्यों नहीं दे रही है, तोमर ने कहा, “कोई सरकार अपनी मर्जी से नहीं चलती, सरकार विधि विधान से चलती है, स्वभाविक रूप से जब ऐसी परिस्थिति खड़ी होती है तब प्रशासक नियुक्त किया जाता है। सरकार इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं निवेशकों को को उसका पैसा पूरा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।”
इस पहले कई निवेशकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में हस्तक्षेप करने और परिसमापक को हटाने तथा क्रेडिट सहकारी को विनियमित करने के लिए एक प्रशासक नियुक्त करने का आग्रह किया था।
इस बीच, निवेशकों ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर “आदर्श क्रेडिट बचाओ” के नाम से अभियान भी चलाया हुआ है।
राजस्थान के सिरोही से आरंभ, आदर्श क्रेडिट ने हरियाणा और गुजरात में शाखाएँ खोली और अहमदाबाद में मुख्यालय बनाया था।सत्तर प्रतिशत से अधिक निवेशक राजस्थान के हैं।
आदर्श क्रेडिट के चेयरमैन मुकेश मोदी और उनके परिवार के सदस्यों पर कथित तौर पर पोंजी स्कीम चलाने और कई फर्जी कंपनियों को चलाने का आरोप है, जिसमें उन्होंने 8400 करोड़ रुपये डायवर्ट किए।
आदर्श क्रेडिट सोसाइटी में 8 वर्षों में 20 लाख लोगों ने 14,682 करोड़ रुपये का निवेश किया।