पिछले सप्ताह एनसीयूआई की शैक्षणिक संस्था नेशनल सेंटर फॉर कोऑपरेटिव एजुकेशन [एनसीसीई] ने “एसेट क्लासिफिकेशन एंड प्रोविज़निंग ऐज़ पर न्यू गाइडलाइन ऑफ रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया” विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें कई सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी एन सत्यनारायण ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित यह पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम था।
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और राजस्थान के 44 प्रतिभागियों ने भाग लिया। वेबिनार को इन राज्यों में स्थित सहकारी बैंकों से जुड़े प्रतिनिधियों के लिए डिज़ाइन किया गया था और इसका उद्देश्य उन्हें मौजूदा स्थिति में शीर्ष बैंक द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के बारे में अवगत कराया था।
60 मिनट के ऑनलाइन सत्र में, बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को कोविड-19 के कारण आरबीआई द्वारा घोषित नियामक पैकेज के बारे में बताया।
इस मौके पर संकाय सदस्यों में से एक ने अपने कर्जदारों को तीन महीने का मोरटोरियम, कैसे बैलेंस शीट में एनपीए का प्रावधान किया जाए समेत अन्य विषयों पर जानकारी प्रदान की।
“भारतीयसहकारिता” ने भी वेबिनार में भाग लिया। इस अवसर पर, कई प्रतिभागियों ने सवाल पूछे जिनका जवाब विशेषज्ञों ने बहुत प्रभावी ढंग से दिया। प्रतिभागियों ने अपने संदेह को दूर करने का कोई मौका नहीं गंवाया।
प्रतिभागियों ने वेबिनार की सराहना की और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्राप्त ज्ञान और सभी व्यवस्थाओं से संतुष्ट थे।
इसके अलावा, एनसीसीई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महिलाओं, राज्य सहकारी संघों और जिला सहकारी संघों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा है। एनसीयूआई ने आने वाले दिनों में उर्वरक सहकारी समितियों – इफको और कृभको के अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की भी योजना बनाई है।