गुजरात सरकार द्वारा हाल ही में शुरू “आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना” (एजीएसवाई) के तहत पिछले हफ्ते से आवेदन फॉर्म का वितरण शुरू हो गया। इस योजना के तहत निम्न मध्यम आय वर्ग के लोग 1 लाख रुपये का गारंटी-मुक्त ऋण सहकारी बैंकों से 2 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर ले सकते हैं।
पूरे गुजरात में 9,000 आउटलेट्स के माध्यम से फॉर्म वितरित किए जा रहे हैं। इस योजना के तहत, छोटे व्यवसाय चलाने वाले और निम्न मध्यम आय वर्ग के लोग गारंटी-मुक्त ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
ज्योतिंद्र मेहता ने इस विचार को तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने “भारतीयसहकारिता” से विस्तार से बात की और अपने दृष्टिकोण को साझा किया कि यह ऋण गुजरात के लोगों की कैसे मदद कर सकता है।
मेहता ने इस योजना के बारे में बताते हुए कहा, “कई राज्यों द्वारा 5000 रुपये की ऋण राशि दी जा रही है। हमने इससे बचने की कोशिश की है क्योंकि इतने पैसे से कोई काम नहीं किया जा सकता है। हमने उद्यमियों की आवश्यकता के आधार पर ऋण की तीन श्रेणियाँ यानि 25 हजार, 50 हजार और 1 लाख बनाई है।
कोविड-19 से प्रभावित हुआ कोई भी इतनी राशि से अपना व्यवसाय शुरू कर सकता है और अपनी आजीविका कमा सकता है, उन्होंने रेखांकित किया।
अतीत में हितधारकों के साथ हुयी चर्चाओं के बारे में बात करते हुये मेहता ने कहा, “शुरू में हम पूंजी के साथ-साथ ब्याज पर लोगों को कुछ राहत देना चाहते थे, लेकिन राज्य के खजाने की माली हालत को देखते हुए हमने ब्याज पर राहत देने के लिये समझौता किया।”
इसके अलावा, हम शून्य ब्याज पर ऋण देने से बचना चाहते थे क्योंकि यह सही संदेश नहीं देता है। मेहता ने कहा कि हर एक को खुद के लिए जिम्मेदार होना चाहिए।
इसके अलावा, मेहता इस योजना का विस्तार स्वास्थ्य देखभाल और शैक्षणिक संस्थानों जैसे क्षेत्रों में करना चाहते हैं। “हम डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के सदस्यों को ऋण देने के लिए तैयार हैं अगर अस्पताल उनके लिए गारंटी देता है”, उन्होंने कहा।
मेहता ने यह भी बताया कि राज्यों में 218 यूसीबी हैं जिनकी 1000 से अधिक शाखाएं हैं। फिर 18 जिलों में डीसीसीबी हैं, जिनकी 1200 से अधिक शाखाएं हैं। उन्होंने कहा कि 7000 क्रेडिट को-ऑप्स को भी शामिल कर लें तो यह योजना राज्य के हर कोने तक पहुँचने में सक्षम है।
स्मरणीय है कि इससे पहले, अत्मनिर्भर भारत अभियान की तर्ज पर, गुजरात के सी एम विजय रूपानी ने लॉकडाउन से प्रभावित निम्न मध्यम आय वर्ग के 1 मिलियन से अधिक वाले छोटे व्यापारियों, फेरीवालों, कुशल श्रमिकों और अन्य लोगों के लाभ के लिए ‘आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना‘ की घोषणा की।
इस योजना का उद्देश्य निम्न मध्यम आय वर्ग के लोगों की जरूरतों को पूरा करना है जो बैंकों से 2% वार्षिक ब्याज पर बिना गारंटी के 1 लाख रुपये का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। योजना के तहत ऋण देने वाले बैंकों को शेष 6 प्रतिशत ब्याज का भुगतान सरकार करेगी।
योजना के मानदंडों के अनुसार, ऋण का कार्यकाल तीन साल का होगा, जबकि किश्तों का भुगतान ऋण वितरण होने के छह महीने बाद शुरू होगा।
रूपानी ने कहा, “ऐसे 10 लाख लोगों में से प्रत्येक को बैंकों से केवल 2 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर 1 लाख रुपये का ऋण दिया जाएगा, जिससे वे अपने जीवन को नए सिरे से शुरू कर सकेंगे”। उन्होंने कहा कि आवेदनों के आधार पर ऋण प्रदान किया जाएगा, जिसमें कोई गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी।