उत्तर प्रदेश के सहकारिता सचिव एमवीएस रामी रेड्डी ने 2012 से 2017 के दौरान विभिन्न सहकारी संस्थानों में 2391 पदों पर भर्ती किए गए कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि यह नियुक्तियां उत्तर प्रदेश में समजवादी पार्टी की सरकार के दौरान अवैध रूप से की गई थीं।
भर्ती में अनियमितताओं की एसआईटी जांच के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।
प्रमुख सचिव सहकारिता ने इन कर्मियों को किसी भी लाभ को प्राप्त करने से तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया है। इस संबंध में, सहकारिता विभाग ने राज्य में शीर्ष सहकारी संगठनों के सभी एमडी को पत्र लिखा है और उन्हें सरकार के अगले आदेश तक कर्मचारियों को प्रोन्नति नहीं देने के लिए कहा है।
स्मरणीय है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान 2012 से 2017 के बीच सहकारी समितियों में 2391 पद भरे गए थे। 2013 में 93 कर्मचारी भर्ती हुए, 2015 में 1329 और 2016 में 969 कर्मचारियों को भर्ती किया गया था।
कर्मचारियों को उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम, पीसीएफ, सहकारी ग्राम विकास बैंक, यूपी राज्य सहकारी बैंक, डीसीसीबी और अन्य सहित कई संगठनों में भर्ती किया गया था। 20 जून 2018 को, सरकार ने एसआईटी जांच का आदेश दिया।