किसानों की सहकारी संस्था इफको ने किसानों के हित में कृषि उपज विपणन समिति अधिनियम (एपीएमसी एक्ट) में सरकार द्वारा किए गए संशोधन का स्वागत किया है। इस संदर्भ में इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू एस अवस्थी कई सालों से सरकारों से एपीएमसी शासन के एकाधिकार को समाप्त करने का आग्रह कर रहे थे ताकि किसानों को उनकी उपज का अच्छा लाभ मिल सके, इफको की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
किसानों को यह छूट मिलनी चाहिए कि वे अपना उत्पाद देश में कहीं भी बेच सकें। ग्रामीण भारत और किसानों के लिए यह एक सकारात्मक कदम है। 2014 में इफको के प्रबंध निदेशक में कृषि उपज विपणन समिति अधिनियम में दी गई छूट का स्वागत किया था, प्रेस नोट में कहा गया है।
बाद में, 2016 में भी अवस्थी ने किसानों को सशक्त बनाने के लिए एपीएमसी एक्ट शासन के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए एकीकृत कृषि बाजार की घोषणा का स्वागत किया था, इफको की प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
फैसले का स्वागत करते हुए इफको के एमडी ने ट्वीट किया, “मैं किसानों के हित के लिए #एपीएमसी अधिनियम को हटाने के कदम का स्वागत करता हूं। मैं कई सालों से सरकारों से एपीएमसी शासन के एकाधिकार को खत्म करने का आग्रह कर रहा था ताकि हमारे किसानों को उनकी उपज का अच्छा लाभ मिल सके। पीएम श्री @नरेंद्र मोदी जी और @एन एस तोमर जी को बधाई ”।
इस बीच एमडी ने इस संदर्भ में 2014 और 2016 में किये गये ट्वीट को रीट्वीट किया जिसमें उन्होंने किसानों के लाभ के लिए एपीएमसी शासन के एकाधिकार को समाप्त करने की मांग की थी।
पाठकों को याद होगा कि, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र की अध्यक्षता में हुयी केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि क्षेत्र को बदलने के उद्देश्य से कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए थे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को साढ़े छह दशक पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि अनाज, दलहन और प्याज सहित खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके।
इससे निजी निवेशकों के अपने व्यापारिक कार्यों में अत्यधिक नियामक हस्तक्षेप की आशंका दूर होगी।
प्रेड्यूस, होल्ड, मूवमेंट, डिस्ट्रीब्यूशन और सप्लाई की स्वतंत्रता से पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का दोहन होगा और निजी क्षेत्र / कृषि क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित होगा। यह कोल्ड स्टोरेज में निवेश बढ़ाने और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला के आधुनिकीकरण में मदद करेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि घोषित संशोधन किसानों और उपभोक्ताओं दोनों की आय बढ़ाने में मदद करेगा। यह एक प्रतिस्पर्धी बाजार का माहौल बनाएगा और भंडारण सुविधाओं की कमी के कारण होने वाली कृषि-उपज के अपव्यय को भी रोकेगा।
पाठकों को ज्ञात होगा कि किसानों को अपनी उपज के विपणन में विभिन्न प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा जैसे कि वे अपनी उपज को अधिसूचित एपीएमसी बाजार के बाहर नहीं बेच सकते थे। किसान केवल राज्य सरकारों द्वारा पंजीकृत लाइसेंसधारियों को ही अपनी उपज बेच सकते थे।
अध्यादेश मूल रूप से एपीएमसी बाजार के बाहर अतिरिक्त व्यापार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से है ताकि अतिरिक्त प्रतिस्पर्धा के कारण किसानों को पारिश्रमिक मूल्य मिल सके। यह मौजूदा एमएसपी खरीद प्रणाली का पूरक है जो किसानों को स्थिर आय प्रदान कर रहा है और वन इंडिया, वन एग्रीकल्चर मार्केट बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।