द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के सहकारिता मंत्री एस टी सोमशेखर ने कहा कि शिवमोग्गा जिला सहकारी केंद्रीय (एसडीसीसी) बैंक में निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आरोप है कि नकली सोने पर कर्ज बांटा गया है। बताया जा रहा है कि सरकार के पास यह भी जानकारी थी कि बैंक ने वित्तीय स्थिति का आकलन किए बिना घाटे में चल रही चीनी कारखानों को ऋण देने का भी फैसला किया था।
मंत्री ने कहा कि सरकार बैंक में 15 साल में हुये वित्तीय लेनदेन की सीबीआई जांच का आदेश दे सकती है।
एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्नाटक सहकारी विभाग राज्य के सभी 21 डीसीसीबी की संपत्ति और देनदारियों का मूल्यांकन करेगा ताकि यह देखा जा सके कि अनियमित लेनदेन हुआ है या नहीं।
मंत्री ने कहा कि इन बैंकों को उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंक दी जाएगी। इस बीच, मंत्री ने डीसीसीबी, कालाबुरागी में 92 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं।
सूत्रों का कहना है कि सहकारिता विभाग ने 2004-13 के दौरान शिवमोग्गा में डीसीसी बैंक में 62.72 करोड़ की धोखाधड़ी का पता लगाया है।
इससे पहले, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पुलिस को श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक, बसवनगुड़ी में जमा राशि के दुरुपयोग की जांच करने का आदेश दिया था। के आर नरसिंह मूर्ति और बैंक के तीन अन्य जमाकर्ताओं द्वारा दायर जनहित याचिका पर अदालत ने यह आदेश पारित किया है।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से आग्रह किया है कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम के तहत विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा बैंक के खातों और लेनदेन का फोरेंसिक ऑडिट कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किया जाए।