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कृषि में निजी निवेश के पक्ष में तोमर

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने कृषि क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि इससे कृषि क्षेत्र में समृद्धि बढ़ेगी, जिससे देश में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और देश में समृद्धि आएगी।

चौधरी चरणसिंह विश्‍वविद्यालय, मेरठ द्वारा आयोजित अंतर्राष्‍ट्रीय वेबिनार और जूनागढ़ कृषि विश्‍वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्‍ट्रीय वेबिनार को सम्‍बोधित करते हुए तोमर ने वैज्ञानिकों से कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने व कठिनाइयां कम करने में योगदान देने का आह्वान किया।

तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश लाने के संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कृषि अवसंरचना के लिए एक लाख करोड़ रूपए का प्रावधान किया है।

इसके साथ ही मत्स्य पालन, पशुपालन, हर्बल खेती, मधुमक्खी पालन, फूड प्रोसेसिंग आदि क्षेत्रों में ऐसे ही प्रावधान किये गए हैं। तोमर ने मृदा स्वास्थ्य परीक्षण पर जोर दिया और इस बारे में जागरूकता लाने की अपील की।

तोमर ने मेरठ विश्‍वविद्यालय द्वारा आयोजित वेबिनार में कहा कि खाद्यान्न उत्‍पादन में भारत केवल आत्मनिर्भर नहीं, बल्कि उससे बढ़कर है। किसानों ने साबित किया है कि वे किसी भी कठिन चुनौती का सामना करने में सक्षम है। उन्‍होंने कहा कि बढ़ती आबादी, जिसके वर्ष 2050 में 160 करोड़ तक पहुंच जाने की संभावना है,

उन्होंने कहा कि भारतीय प्लांट ब्रीडर्स और वैज्ञानिकों के समक्ष गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ाने की चुनौती है, साथ ही बढ़ती आबादी को समुचित पोषणयुक्त भरपेट भोजन उपलब्ध कराना भी वैज्ञानिकों के सामने बड़ी चुनौती है।

तोमर ने कहा कि बायोफोर्टिफिकेशन स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल कर उच्च गुणवत्तायुक्त उन्नत प्रजातियां, जैसे-उच्च प्रोटीन, आयरन, ज़िंक, आदि पोषक तत्वों वाली उन्नत प्रजातियां विकसित करने की जरूरत है। इसके लिए प्लांट ब्रीडर्स को पारम्परिक विधियों के साथ-साथ जैव-प्रौद्योगिकी की आधुनिकतम तकनीकों का समुचित उपयोग करने की जरूरत है।

जूनागढ़ कृषि विश्‍वविद्यालय के वेबिनार में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कम पानी में अधिक गुणवत्तापूर्ण उपज की पैदावार करने पर बल दिया। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी कहते हैं कि जब तक हम गांवों को आत्मनिर्भर नहीं बनाएंगे, तब तक राष्‍ट्र समृद्ध नहीं होगा। गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत बनाने के लिए कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों को समृद्ध करना होगा। इनके सबके बाद भारत अन्‍य सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सकेगा, पीआईबी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।

तोमर ने कहा कि कोविड संकट में, जब विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था के पहिए की रफ्तार धीमी पड़ गई थी, तब भारत के किसानों ने गांवों में उपलब्ध साधनों से ही बंपर पैदावार की, लॉकडाउन में फसल कटाई का काम सामान्‍य गति से जारी रहा।

उन्होंने हाल ही घोषित 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), में ज्यादा से ज्यादा छोटे किसानों को जोड़ने पर भी जोर दिया।

 

 

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