केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गत मंगलवार को गौतम बुद्ध नगर, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश स्थित एक हेलीपैड से स्प्रे उपकरण से युक्त एक बेल हेलीकॉप्टर को हरी झंडी दिखाई।
हेलीकॉप्टर उत्तरलाई, बाड़मेर स्थित वायु सेना स्टेशन के लिए रवाना हुआ, जहां वह शुरुआती तौर पर तैनात रहेगा और वहां से बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर और नागौर के रेगिस्तानी इलाकों में टिड्डी नियंत्रण के लिए भेजा जाएगा। बेल 206-बी3 हेलीकॉप्टर एक ही पायलट से चलेगा, जिसमें एक बार में 250 लीटर कीटनाशक ले जाने की क्षमता है और एक बार में इसे 25 से 50 हेक्टेयर क्षेत्र में उपयोग में लाया जा सकता है, पीआईबी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक।
मीडिया से बातचीत में तोमर ने कहा कि मशीनों, वाहनों और कार्यबल की तैनाती बढ़ा दी गई है और संबंधित राज्य संकट से निपटने के लिए एसडीआरएफ कोष का उपयोग कर रहे हैं। टिड्डी नियंत्रण में पहली बार ड्रोन का उपयोग किया गया है और आज हेलीकॉप्टर के उपयोग से कीटनाशकों के हवाई छिड़काव की शुरुआत भी कर दी गई है।
इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री महेश शर्मा और कृषि सचिव संजय अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
कैबिनेट सचिव ने 27 मई, 2020 को टिड्डी दल की स्थिति की समीक्षा की और नागर विमानन मंत्रालय को ड्रोन, विमान/ हेलीकॉप्टर के माध्यम से कीटनाशकों के हवाई छिड़काव के लिए वस्तु एवं सेवाओं की खरीद को आसान बनाने में कृषि सहयोग एवं किसान कल्याण विभाग को सहयोग करने के निर्देश दिए।
तत्पश्चात, कृषि अपर सचिव की अध्यक्षता में, ड्रोन, विमान और हेलीकाप्टर के माध्यम से कीटनाशकों के हवाई स्प्रे के लिए सामान और सेवाओं की खरीद की सुविधा के लिए, एक अंतर-मंत्रालय अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया। नगर विमानन मंत्रालय, पवन हंस, डीजीसीए, एयर इंडिया और डीएसी & एफ़डबल्यू के अधिकारी समिति के सदस्य हैं।
अभी तक टिड्डी नियंत्रण के लिए जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर व नागौर में 12 ड्रोन तैनात किए गए हैं। इस प्रकार भारत प्रोटोकॉल्स को अंतिम रूप देकर टिड्डी नियंत्रण के लिए ड्रोन का उपयोग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
वर्तमान में टिड्डी नियंत्रण की प्रमुख रणनीति 60 नियंत्रण टीमों के माध्यम क्रियान्वित है जिसमें स्प्रे उपकरण लगे हुए वाहन और 200 से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में कार्यरत हैं।
खाद्य एवं कृषि संगठन के 27.06.2020 के लोकस्ट (टिड्डी) स्टेटस अपडेट के तहत, उत्तरी सोमालिया में जमा झुंडों के भारत-पाकिस्तान सीमा से लगे ग्रीष्मकालीन प्रजनन क्षेत्रों के लिए हिंद महासागर का रुख करने का अनुमान है।